गुजरात उच्च न्यायालय ने बीजेपी के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी और छह अन्य को आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में बरी कर दिया। अदालत ने उन्हें आरोपों से मुक्त करते हुए कहा कि 'शुरुआत से ही जांच एक दिखावा लगती है'। जुलाई 2010 में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या की गई थी और इस मामले में इनपर आरोप लगा था। इस मामले की सुनवाई पहले विशेष सीबीआई अदालत में चली थी।
सीबीआई कोर्ट ने पूर्व बीजेपी सांसद को हत्या का दोषी ठहराया था, गुजरात HC से बरी
- गुजरात
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- 6 May, 2024
आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी को बहुत बड़ी राहत मिली है। जानिए, छह साल पहले सीबीआई कोर्ट ने किन आरोपों में दोषी माना था।

यह मामला है 20 जुलाई 2010 का। गुजरात उच्च न्यायालय के सामने बार काउंसिल भवन के बाहर दो लोगों ने आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अमित जेठवा को गोली मारने के बाद हमलावर हत्या के लिए इस्तेमाल की गई एक देशी रिवॉल्वर के साथ-साथ अपनी बजाज डिस्कवर मोटरसाइकिल छोड़कर मौक़े से भाग गए थे।