गुजरात में मंगलवार को तीसरे चरण का मतदान था। लेकिन गुजरात में भी मतदान के दौरान धांधली की खबरें आईं। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को खुद भी वोट डालने पहुंचे थे। लेकिन दूसरी तरफ दाहोद में एक भाजपा नेता के बेटे ने बूथ में घुसकर कब्जा कर लिया। ईवीएम को उसने हाथ में ले लिया। उसने वहां से इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया साइट पर बूथ पर कब्जा करने और फर्जी मतदान को लाइव भी किया। हालांकि गुजरात की 25 लोकसभा सीटों पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान का दावा किया। बूथ लूटने या फर्जी वोट डालने के लिए अभी तक यूपी और बिहार बदनाम थे। यूपी में तो अब सत्ता के संरक्षण में वोट को लूटा जा रहा है, लेकिन गुजरात के दाहोद में जो हुआ वो अभूतपूर्व है। यह घटना महिसागर के संतरामपुर तालुका के परथमपुर गांव में हुई है। पुलिस ने आरोपी और उसके एक साथी को हिरासत में ले लिया है।
Shocking reports of alleged bogus voting by BJP member Vijay Bhabhor in Dahod, Gujarat raised questions about the integrity of elections.
— Shadan Aagya (@SigmaRuler_) May 8, 2024
Is this how the ECI ensures fair polls?#ElectionCommissionOfIndia#DhruvRathee #INDIAAlliance#LokSabhaElections2024#LokSabhaElection2024 pic.twitter.com/as2IscaMiS
🔸દાહોદ લોકસભામાં આવેલ સંતરામપુરના પરથમપુર ગામ ખાતે મતદાન સમયે બૂથ કેપચરનો વીડિયો વાયરલ થયો હતો
— DD News Gujarati (@DDNewsGujarati) May 8, 2024
🔸સંતરામપુર પોલિસ દ્વારા વાયરલ વીડિયોમાં દેખાતા 1 વ્યક્તિ સામે ગુનો નોંધી 1 વ્યક્તિની અટકાયત કરવામાં આવી#Dahod #LokSabhaElections2024 pic.twitter.com/XrOLRmdMZE
कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. प्रभाबेन तावियाड ने मामले की शिकायत जिला कलेक्टर से की है जो यहां के जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं। दाहोद सीट पर भाजपा प्रत्याशी जसवंतसिंह भाभोर और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. प्रभाबेन तावियाड के बीच मुकाबला है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक दाहोद में 58.66 प्रतिशत मतदान हुआ है।
आरोपी ने ईवीएम पर फर्जी मतदान के लिए बटन दबाते हुए कहा- मशीन (ईवीएम) मेरे पिता की है। केवल एक ही चीज़ काम करती है - वह है बीजेपी। यहां सिर्फ विजय भाभोर की ही चलती है। उसकी यह बात लाइव वीडियो में मौजूद है।
घटते मतदान से भाजपा परेशान
चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात में मंगलवार को करीब 59.51 फीसदी मतदान हुआ। यह राज्य में पिछले दो लोकसभा चुनावों में सबसे कम मतदान है। पिछले एक दशक में गुजरात में घटते मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों के बीच चिंता पैदा कर दी है। आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात के 25 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान केवल 59.51% रहा। यह 2019 के 64.51% मतदान और 2014 के 63.66% मतदान से उल्लेखनीय कमी दर्शाता है। 4.79 करोड़ पात्र मतदाताओं में से केवल 2.85 करोड़ व्यक्तियों ने मतदान किया, जबकि 1.90 करोड़ ने मतदान नहीं किया।
मतदान में गिरावट की कई वजहें बताई जा रही हैं। जनता का मोहभंग होना, स्थानीय शिकायतों का न सुना जाना सबसे बड़ा संकट खड़ा कर रही है। इसके अलावा महत्वपूर्ण जाति समूहों के बीच असंतोष एक केंद्रीय मुद्दा गुजरात में बना हुआ है। क्षत्रिय, पटेल जैसे प्रभावशाली जाति समुदायों का मोहभंग भाजपा की चुनावी जीत को प्रभावित कर रहा है।
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