देश में चुनाव का मौसम है। आम चुनाव एक बड़ा आयोजन होता है और इस बहाने तमाम मुद्दे विभिन्न पार्टियां जनता के बीच लाती हैं। लेकिन भारत में पर्यावरण को लेकर राजनीतिक दल संजीदा नहीं हैं। सत्तारूढ़ पार्टी पर इसकी सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है। लेकिन उस पार्टी को हिन्दू-मुसलमान करने से ही फुरसत नहीं मिलती। पश्चिम बंगाल के एक एनजीओ ने चुनाव से पहले ग्रीन मेनिफेस्टो जारी किया लेकिन राजनीतिक दलों की आंखें तब भी नहीं खुलीं। पढ़ कर खुद समझिए, क्या कहना चाहती हैं पत्रकार वंदिता मिश्राः