लगभग 8 सालों से अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। इस दौरान उन्हे विपक्ष के नाम पर किसी से भी संघर्ष की जरूरत नहीं पड़ी। कभी ऐसा नहीं लगा कि उनकी कुर्सी खतरे में है। इस दौरान 8 जाड़े गुजरे और लगभग हर जाड़े में दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती रही। साल दर साल गुजरते गए और देश के लिए ‘नई किस्म की राजनीति’ करने का दावा करने वाले अरविन्द केजरीवाल हमेशा उन्ही पुराने बहानों के भरोसे दिल्ली की जनता को मुफ़्त की बिजली और पानी के साथ साथ फेफड़ों की बीमारी भी मुफ़्त में प्रदान करने के लिए अपनी अकर्मण्यता को सहयोग देते रहे।
राजनैतिक नेतृत्व की लापरवाहियां और पर्यावरणीय खतरे!
- विचार
- |
- |
- 6 Nov, 2022

नई तरह की राजनीति करने आए आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने निराश किया है। 8 जाड़े गुजर चुके हैं और हर बार जाड़े में दिल्ली की आबोहवा खराब हो जाती है। अगर किसी पार्टी की चिन्ता पर्यावरण को लेकर नहीं है तो वो क्या खाक राजनीति करेगी। पर्यावरणीय खतरों पर वंदिता मिश्रा के चुभते सवालों के साथ उनका यह लेखः