कैलिफोर्निया डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एलिजाबेथ होम्स को 11 साल से अधिक की सजा सुनाई है। एलिजाबेथ होम्स ने 19 साल की उम्र में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर 2003 में ‘थेरानोस’ नाम की कंपनी बनाई। इस कंपनी का दावा था कि उनके पास ऐसी तकनीक है जिससे रक्त की कुछ बूंदों से ही बीमारी का पता लगाया जा सकेगा। लेकिन उनका दावा पूरी तरह झूठा निकला। थेरानोस कंपनी ने दावा किया कि उनके पास ‘एडीसन’ नाम की मशीन है जोकि एक रक्त परीक्षण (ब्लड टेस्टिंग) मशीन थी जो रक्त की कुछ बूंदे इस्तेमाल करके कैंसर,मधुमेह(डायबिटीज) और अन्य बीमार स्थितियों का पता लगा सकती है।