हिन्दू धर्म से संबंधित भागवत पुराण के 8वें स्कन्ध में ‘गजेन्द्रमोक्ष’ नाम की कथा का वर्णन है। इस कथा के अनुसार, क्षीरसागर, जहां भगवान विष्णु का निवास स्थान है, में त्रिकूट नाम का एक पर्वत था जिसके चारों ओर एक घना जंगल था उसमें गजेन्द्र नाम का एक हाथी अपने परिवार और समूह के साथ रहता था। एक दिन जब थक कर वह एक सरोवर में घुसकर नहाने और पानी पीने लगा तभी उसमें रहने वाले एक मगरमच्छ ने उसका पैर अपने नुकीले दांतों वाले मुँह से दबोच लिया। हाथी और उसके साथियों ने उसे छुड़ाने की बहुत कोशिश की लेकिन मगरमच्छ बहुत शक्तिशाली था, इसलिए गजेन्द्र छूट नहीं पा रहा था, वह लगातार मृत्यु के करीब जा रहा था तभी उसने भगवान विष्णु को याद किया।
गजेंद्र हाथी की रक्षा के लिये भगवान दौड़े थे, अब वो अनाथ क्यों
- विचार
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- 29 Mar, 2025

हिन्दू ग्रंथो में भगवान विष्णु द्वारा हाथी गजेंद्र को बचाने की कहानी का जिक्र आता है। लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हाथी को बचाने के मुद्दे पर वोटिंग हुई तो भारत वोटिंग से पीछे हट गया है। मौजूदा हालात में भारत के इस स्टैंड को आप किस नजरिए से देखना चाहेंगे। पत्रकार और लेखिका वंदिता मिश्रा ने भारत की इसी दुरंगी नीति पर इस लेख में सवाल उठाया हैः