पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाली कोरोना वायरस महामारी भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों की जेलों में बंद कैदियों के लिये वरदान साबित हो रही है।
सरकारों को उच्चतम न्यायालय की व्यवस्थाओं के मद्देनर आन्दोलनों के दौरान सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने वालों की पहचान करके उनसे इसकी वसूली करनी चाहिए।
साफ़ पानी उपलब्ध कराने को मौलिक अधिकार क्यों नहीं मानती सरकार? क्या यह माना जाए कि दूरदराज तक के इलाक़ों में सभी के लिए साफ़ पेय जल की व्यवस्था प्रदान करने के दावे सिर्फ़ खोखले ही हैं?
ऐसा कौन-सा वर्ग है जो येन-केन प्रकारेण अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मसजिद भूमि विवाद को जीवित रखना चाहता है? इस विवाद के लगातार बने रहने से किन्हें और किस तरह का लाभ हासिल होगा?
नामचीन व्यक्तियों के ख़िलाफ़ तरह-तरह के मुद्दों पर अदालत में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति वहाँ के स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा हैं। हस्तियों के ख़िलाफ़ क्यों करते रहते हैं शिकायतें?
उच्चतम न्यायालय की 18 साल पुरानी व्यवस्था के बावजूद आज भी अक्सर कई मामलों में सुनवाई पूरी होने के बाद पक्षकारों को लंबे समय तक फ़ैसले का इंतजार रहता है।
दिसंबर, 2012 में हुए सनसनीखेज निर्भया कांड के बाद कठोर सज़ा के लिए कई निर्णय लिए गए थे। न तो त्वरित अदालतें गठित हुईं न महिला जजों को ऐसे केस सौंपे गए। निर्णय पर कितना हुआ पालन?
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के तबादले और उच्चतम न्यायालय में उनकी पदोन्नति के लिये कॉलीजियम की कार्यशैली पर अब न्यायपालिका के अंदर से ही आवाज़ें उठने लगी हैं।
नए यातायात नियमों को लागू करने के मामले में कई राज्यों की सरकारों के रवैये से साफ़ है कि उन्हें वाहन चालकों की जान से कहीं अधिक अपने वोट बैंक की चिंता है।
सवाल अभी भी रहस्य ही बना हुआ है कि 75 सदस्यीय उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विजय ताहिलरमानी का अचानक ही मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर तबादला क्यों किया गया?
किशोर-किशोरियों से दुष्कर्म के अपराध के लिए क़ानून में मौत की सज़ा प्रावधान किए जाने के बावजूद इस तरह की घटनाओं में कमी नहीं आना चौंकाने वाली बात है। पिछले तीन साल में ऐसी वारदातें दो गुनी क्यों बढ़ गई हैं?
एनडीए के घटक दलों ने समान नागरिक संहिता बनाने की माँग शुरू कर दी है। बीजेपी ख़ुद अर्से से इसकी माँग करती रही है। तो क्या अब समान नागरिक संहिता की बारी है?
अनुच्छेद 35 'ए' व 370 का मामला कोर्ट में है। जम्मू-कश्मीर में एकाएक 10 हज़ार जवान तैनात किए गए। क्या केन्द्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35 'ए' को हटाने की तैयारी कर रही है?