किशोर-किशोरियों से दुष्कर्म के अपराध के लिए क़ानून में मौत की सज़ा का प्रावधान किए जाने के बावजूद इस तरह की घटनाओं में कमी नहीं आना चौंकाने वाली बात है। ऐसा लगता है कि इस तरह के अपराध करने की मानसिकता वाले व्यक्तियों को अब क़ानून का ख़ौफ़ ही नहीं रह गया है जो अत्यधिक चिंता की बात है।
फ़ाँसी का डर क्यों नहीं? बच्चों से दुष्कर्म के मामले 3 साल में दोगुने बढ़े
- विचार
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- 4 Sep, 2019

किशोर-किशोरियों से दुष्कर्म के अपराध के लिए क़ानून में मौत की सज़ा प्रावधान किए जाने के बावजूद इस तरह की घटनाओं में कमी नहीं आना चौंकाने वाली बात है। पिछले तीन साल में ऐसी वारदातें दो गुनी क्यों बढ़ गई हैं?
एक अनुमान के अनुसार इस समय रोज़ाना देश में 133 बच्चे बलात्कार और हत्या के अपराध का शिकार हो रहे हैं जो पहले के वर्षों की तुलना में बहुत अधिक है। यौन हिंसा, बलात्कार और हत्या के अपराधों में बेतहाशा वृद्धि होने की वजह से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ नारे का पालन करने वाले परिवारों के लिए यह चिंता का कारण बनता जा रहा है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने बच्चों से दुष्कर्म करने वाले व्यक्तियों की जानकारी जुटाने के लिए एक राष्ट्रीय डाटा बैंक तैयार किया है। इस डाटा बैंक में अब तक 6,20,000 ऐसे व्यक्तियों के आँकड़े इकट्ठे किए जा चुके हैं।