हमारे देश में सत्तारूढ़ राजनीतिक दलों ने यह तो साबित ही कर दिया है कि संविधान में नागरिकों को प्राप्त जीने के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण वोटों की राजनीति है। इसका ताज़ा उदाहरण एक सितंबर से देश में लागू हुए संशोधित मोटर वाहन क़ानून के कठोर यातायात नियमों को लागू करने में राज्य सरकारों की आनाकानी और यातायात नियमों का उल्लघन करने पर दस गुना ज़्यादा जुर्माने के प्रावधानों में ढील देने या इसे लागू नहीं करने का निर्णय है।
नए ट्रैफ़िक नियम: सरकारों को लोगों की जान की नहीं वोट बैंक की चिंता
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- 29 Mar, 2025

नए यातायात नियमों को लागू करने के मामले में कई राज्यों की सरकारों के रवैये से साफ़ है कि उन्हें वाहन चालकों की जान से कहीं अधिक अपने वोट बैंक की चिंता है।