देश में जीने, खाने, नींद लेने और निजता तक का मौलिक अधिकार प्राप्त है। लेकिन साफ़ पानी का? यह कैसी विडंबना है कि देशवासियों के लिए स्वच्छ जल के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय राज्य सरकारों को तलब कर रहा है। न्यायालय ज़ोर देकर कहता है कि स्वच्छ यानी साफ़ पीने का पानी प्राप्त करना लोगों का अधिकार है, लेकिन केंद्र सरकार कहती है कि सभी को साफ़ पानी उपलब्ध कराने को मौलिक अधिकार घोषित करने का कोई  प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।