भारतीय जनता पार्टी के भीतर से समय-समय पर जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में ‘एक राष्ट्र, एक विधान-एक ध्वज, एक राष्ट्र गान’ की आवाज़ उठती रही है। बीजेपी के एक नेता जो, अधिवक्ता भी हैं, ने यही तर्क देते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के लिए उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर कर रखी है। संविधान के अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को लेकर दायर कई याचिकाएँ फ़िलहाल सुनवाई के लिए न्यायालय में लंबित हैं।
‘अनुच्छेद 35ए’ सुप्रीम कोर्ट में तो दस हज़ार जवानों की तैनाती क्यों?
- विचार
- |
- |
- 29 Jul, 2019

अनुच्छेद 35 'ए' व 370 का मामला कोर्ट में है। जम्मू-कश्मीर में एकाएक 10 हज़ार जवान तैनात किए गए। क्या केन्द्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35 'ए' को हटाने की तैयारी कर रही है?
लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की कश्मीर की ‘गोपनीय’ यात्रा के बाद सशस्त्र बल के दस हज़ार जवानों को वहाँ भेजे जाने के बाद से अनुच्छेद 35ए के भविष्य को लेकर अटकलों का बाज़ार गरम है। पीडीपी की नेता महबूबा मुफ़्ती के बयान से तो ऐसा संकेत मिलता है कि अब अनुच्छेद 35ए हटाने के लिये सरकार क़दम उठाने जा रही है। जम्मू-कश्मीर के नेताओं की टीका-टिप्पणियों और प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि केन्द्र सरकार संभवतः संविधान के अनुच्छेद 35ए को हटाने की तैयारी कर रही है।