काश! उग्र भीड़ की हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करने वाले रंगकर्मियों, बुद्धिजीवियों और सिनेजगत की हस्तियों के ख़िलाफ़ बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में दर्ज प्राथमिकी को राजनीतिक रंग देने से पहले वस्तुस्थिति की जानकारी ले ली गयी होती। यह प्राथमिकी अदालत के आदेश पर दर्ज हुई है और अब इसे क़ानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही निरस्त कराना होगा।