वरिष्ठ पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जाने माने विशेषज्ञ वेदप्रताप वैदिक का पिछले साल आज ही के दिन यानी 14 मार्च को निधन हुआ था। जानिए, उनको कैसे याद करते हैं वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग।
असली डॉ. वैदिक वे नहीं थे जो दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के लाउंज, उसके लंच-डिनर हॉल, सार्वजनिक समारोहों या राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय गोष्ठियों में बोलते नज़र आते थे। जानिए, श्रवण गर्ग उनको कैसे याद करते हैं।
जाने-माने पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का आज मंगलवार को गुड़गांव में निधन हो गया। वह अपने जीवन में अंतिम समय तक सक्रिय रहे। उनके लेख तमाम पत्र-पत्रिकाओं और ऑनलाइन पोर्टल पर प्रकाशित होते रहते थे। वो विदेशी मामलों के अच्छे जानकार थे।
कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब और भगवा गमछे पर विवाद क्यों है? जो लोग ईश्वर और अल्लाह के नाम पर खून बहाने को तैयार रहते हैं, वे उस परम शक्ति के अस्तित्व के प्रति अविश्वास पैदा कर देते हैं।
भारत के ख़िलाफ़ और पाकिस्तान के समर्थन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जो बुलवाना चाह रहे थे क्या उसे वह बुलवा पाए?
प्रधानमंत्री की जानकारी के बिना क्या किसी मंत्री या अफसर की हिम्मत है कि वह देश के नागरिकों पर पेगासस से जासूसी कर सके? क्या बजट सत्र में केंद्र सरकार इस पर जवाब देगी?
यह जरुरी है कि आयकर की जगह व्ययकर या जायकर लगाया जाए। जायकर मतलब उस पैसे पर कर लगाया जाए जो अपनी जेब से बाहर जाता है। आनेवाला पैसा करमुक्त हो और जानेवाला करयुक्त हो।
कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच चुनाव आयोग ने सावधानियों का परिचय देते हुए चुनाव कराने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन दलों की रिश्वत पर लगाम लगाने के लिए क्या कुछ किया गया?