सरकार ने कृषि कानून हड़बड़ी में वापस ले लिए और राज्यसभा के 12 सदस्यों को वर्तमान सत्र के लिए मुअत्तिल भी कर दिया। इन दोनों मुद्दों को लेकर विपक्षी दल यदि संसद के वर्तमान सत्र का पूर्ण बहिष्कार कर दें तो आश्चर्य नहीं होगा, हालांकि कुछ विपक्षी सांसदों की राय है कि बहिष्कार नहीं किया जाना चाहिए।
बिना ब्रेक की गाड़ी हो जाएगी मोदी सरकार?
- विचार
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- 2 Dec, 2021

यदि विपक्षी दल दोनों सदनों का बहिष्कार करेंगे तो वे देश में चल रही लोकतांत्रिक व्यवस्था को पहले से भी अधिक क्षीण करने के दोषी होंगे। मोदी सरकार की मोटर गाड़ी यूं भी बहुत तेज भागती रहती है। यदि विरोधी दल घर बैठ जाएंगे तो यह गाड़ी बिना ब्रेक की हो जाएगी।
मैं भी सोचता हूं कि संसद के दोनों सदनों का यदि विपक्ष बहिष्कार करेगा तो उसका तो कोई फायदा नहीं होगा बल्कि सत्तारुढ़ दलों को ज्यादा आसानी होगी। वे अपने पेश किए गए विधेयकों को बिना बहस के कानून बनवा लेंगे।
इस सरकार का जैसा रवैया है यानि इसने नौकरशाहों को पूरी छूट दे रखी है कि वे जैसे चाहें, वैसे विधेयक बनाकर पेश कर दें। नतीजा क्या होगा?