आँध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने विपक्षी दलों से जुड़े या समर्थकों के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए कार्रवाई की है। जानिए, यह कार्रवाई कितने बड़े स्तर पर की गई।
आंध्र प्रदेश से वाईएसआरसीपी के दो राज्यसभा सांसदों मोपीदेवी वेंकटरमण राव, बीएम राव ने इस्तीफा दे दिया है। विधानसभा चुनाव के बाद से टिकट नहीं मिलने से ये लोग नाखुश थे। इससे जगन मोहन रेड्डी की पार्टी को जबरदस्त झटका लगा है, क्योंकि दोनों चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी में शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि जगन की पार्टी के कई नेता टीडीपी में शामिल होंगे।
लैटरल एंट्री के मुद्दे पर एनडीए में इसके खिलाफ कम से कम दो दलों जेडीयू और एलजेपी (रामविलास पासवान) ने जबरदस्त ऐतराज जताया है, जबकि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने इसका समर्थन कर दिया है। विपक्ष में कांग्रेस और सपा ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी दो दिन से लगातार इस पर ट्वीट कर रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आंदोलन की धमकी दी है। बसपा प्रमुख ने कमजोर आवाज में इसका विरोध किया है।
मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने वक्फ विधेयक संसद में पेश किया, लेकिन उसको पीछे हटना पड़ गया। आख़िर ऐसा क्यों? क्या टीडीपी जैसे दलों से दबाव है? जानिए टीडीपी के मुस्लिम विधायक क्या कहते हैं।
Satya Hindi news Bulletin | हिंदी समाचार बुलेटिन | शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- आप अंधभक्त बने रहेंगे, तो नहीं चलेगा | 'मेरी जिंदगी अब कुछ ज्यादा मुश्किल हो गई है', राहुल गांधी क्यों बोले?
संसद में बीजेपी को अहसास हो गया है कि अब बीजेपी के पास बहुमत नहीं है । लिहाज़ा नहीं चलेगी दादागिरी । मानना पड़ा वक़्फ़ बिल पर सहयोगी दलों का दबाव । बिल भेजा गया संयुक्त संसदीय समिति को । क्यों हारी मोदी सरकार ? आशुतोष के साथ चर्चा विजय त्रिवेदी, विनोद अग्निहोत्री, जावेद अंसारी और शीतल पी सिंह ।
क्या तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी ने मोदी सरकार के साथ खेल कर दिया? क्या टीडीपी के बदले रुख़ ने उसे वक्फ़ विधेयक को संसदीय समिति भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा? क्या
एनडीए सरकार के विवादित बिल पर भले ही जेडीयू का समर्थन हासिल था लेकिन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने जब कह दिया कि उनका सशर्त समर्थन इस बिल को है तो सरकार को कदम पीछे हटाने पड़े और इससे संसदीय समिति के पास भेजना पड़ा। हालांकि टीडीपी के बयान को मीडिया प्रमुखता से पेश नहीं कर रहा है। मीडिया यही बता रहा है कि जेडीयू और टीडीपी का समर्थन इस बिल को था। लेकिन टीडीपी का समर्थन सशर्त था, इतना ही सरकार को झुकाने के लिए पर्याप्त था।
टीडीपी विधायक राजू को 14 मई, 2021 को राजद्रोह के आरोप में तब गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने हैदराबाद में सीबीआई की विशेष अदालत में एक याचिका दायर की थी कि कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में जगन को दी गई जमानत रद्द करनी चाहिए।
लोकसभा स्पीकर अब भाजपा के अनुसार बनेगा। 16 सांसदों वाली तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा आलाकमान (मोदी-अमित शाह) से साफ कह दिया है कि टीडीपी की दिलचस्पी लोकसभा स्पीकर पद में जरा भी नहीं है। हमें आंध्र प्रदेश के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड चाहिए। राज्य के मंत्री ने दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर अमरावती और पोलवरम के लिए फंड मांगा है।
अभी तक बुलडोजर की राजनीति उत्तर भारत में हो रही थी। लेकिन अब दक्षिण भारत में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने वही राजनीति शुरू कर दी है। भाजपा शासित यूपी, एमपी, राजस्थान, हरियाणा में राजनीतिक विरोध की वजह से कई बिल्डिंगों को बिना मुकदमा चलाए पिछले दिनों गिरवा दिया गया। आंध्र में भी शनिवार को जगन मोहन रेड्डी के नए बन रहे दफ्तर को गिरा दिया गया।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी क्या विशाखापट्टनम में पहाड़ी पर रिसॉर्ट बनाने को लेकर बड़ी मुश्किल में फँसेंगे? जानिए, टीडीपी ने इसे क्यों मुद्दा बना दिया है।
वाईएसआरसीपी सरकार ने तीन राजधानियों के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। राजधानी का मामला हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा था। जानिए, अब क्या स्थिति है।
चंद्रबाबू के बेटे नारा लोकेश ने मुस्लिम कोटे का समर्थन करते हुए कहा है कि यह हमारी पार्टी टीडीपी का चुनावी वादा है और इसे लागू किया जाएगा। दरअसल, आंध्र प्रदेश में टीडीपी ने मुस्लिम मतदाताओं से कई वादे किए हैं और तभी से भारी तादाद में मुस्लिम वोट मिले, जबकि केंद्र में सत्ता में आने जा रही भाजपा मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ खुलकर है। मोदी ने चुनाव के दौरान इस मामले में विपक्ष पर हमला भी किया था। कांग्रेस ने अब चुप्पी साध ली है और चंद्रबाबू नायडू से कुछ भी नहीं कर पा रही है। जानिए पूरी बातः
केंद्र में एनडीए की सरकार गठन को लेकर पहले दौर की बैठक खत्म हो गई है। जेडीयू और टीडीपी ने अपनी-अपनी मांग या शर्तों से अवगत कराया है। समझा जाता है कि एक-दो दिन के अंदर न्यूनतम साझा कार्यक्रम घोषित करके बात को आगे बढ़ाया जाएगा।