loader

टीडीपी की स्पीकर पद में दिलचस्पी नहीं, आंध्र के लिए फंड मांगा

लोकसभा में भाजपा की मर्जी के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष बनने जा रहा है। संसद का सत्र सोमवार 24 जून से शुरू हो रहा है। पहले दो दिन सांसदों का शपथग्रहण, राष्ट्रपति का अभिभाषण आदि चलेगा। 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव है। भाजपा के सहयोगियों जेडीयू और टीडीपी से उम्मीद की जा रही थी कि वे स्पीकर पद को लेकर अपनी बात रखेंगे या अपना स्पीकर बनवाना चाहेंगे। लेकिन जेडीयू ने पहले ही भाजपा को हरी झंडी दे दी थी। अब रही सही कसर चंद्रबाबू नायडू और टीडीपी ने पूरी कर दी है। नायडू ने कहा हमारी मामूली दिलचस्पी भी स्पीकर पद में नहीं है। हमें आंध्र प्रदेश के लिए फंड चाहिए।

दक्कन क्रॉनिकल के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को फोन करके स्पीकर के चुनाव को लेकर उनसे बात की। नायडू ने कहा कि इसमें हमारी दिलचस्पी नहीं है।


दक्कन क्रॉनिकल के मुताबिक मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने तेलुगु देशम संसदीय दल की बैठक के दौरान इस घटनाक्रम के बारे में अपने सांसदों को अवगत कराया। 
ताजा ख़बरें
अखबार की खबर के मुताबिक संसदीय की बैठक के दौरान सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी नेताओं के साथ अमित शाह के फोन कॉल की बातचीत को साझा किया। नायडू ने कहा, ''अमित शाह ने स्पीकर के चुनाव पर मुझसे बात की। मैंने कहा कि टीडीपी को इसकी जरूरत नहीं है। मैंने कहा कि राज्य को सिर्फ फंड चाहिए। राज्य आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है। मैंने मदद मांगी। मैंने उनसे कहा कि आंध्र प्रदेश के लोगों ने गठबंधन पर विश्वास किया और उसे सत्ता दी है।''
नायडू ने संसदीय दल की बैठक में कहा- "अगर हम पद मांगेंगे तो राज्य के हितों को नुकसान पहुंचेगा। राज्य के हित हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। मैं हर सांसद को तीन विभाग आवंटित करूंगा। आपको संबंधित विभागों में राज्य के लिए धन और योजनाएं लानी होंगी।"
चंद्रबाबू नायडू ने टीडीपी सांसदों से कहा कि सांसदों को जो विभाग सौंपे जाएंगे, उन्हें संबंधित विभाग के मंत्रियों के साथ बात करनी होगी और समन्वय बनाना होगा। क्योंकि टीडीपी के पास लोकसभा में 16 सांसदों की ताकत है, इसलिए राज्य के हितों के लिए अधिक धन प्राप्त करने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह सांसदों का पहला कर्तव्य होना चाहिए। आंध्र प्रदेश का मतलब अमरावती और पोलावरम है, इसलिए ये दोनों राज्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और हम इन्हें पहली प्राथमिकता दे रहे हैं।

सीतारमण से मुलाकात कर आंध्र की 5 मांगें रखींः नायडू जब पार्टी की संसदीय दल की बैठक में समझा रहे थे तो आंध्र प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने शनिवार को बजट पूर्व परामर्श के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात उनके सामने पांच मांगें रखीं। जिसमें अमरावती और पोलावरम के लिए धन की मांग मुख्य थी।
टीडीपी सरकार ने केंद्र से आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 में विशेष रूप से राज्य के लिए "राज्य विकास सहायता" मांगी है। हालाँकि, इसके लिए कितना फंड चाहिए, यह नहीं बताया गया है।लेकिन सरकार ने 2014 में राज्य के विभाजन के बाद हुए आर्थिक नुकसान का उल्लेख किया है।  इसके अलावा आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं को केंद्र और राज्य के बीच 90:10 के अनुपात में फंडिंग करने का सुझाव दिया है।
अमरावती को "आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी" बनाने के लिए केंद्रीय सहायता दूसरी मांग के रूप में है। राज्य सरकार ने आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन भी मांगा है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि अमरावती शहर के निर्माण का अंतिम अनुमान लगभग 1 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें राजभवन, हाईकोर्ट, सचिवालय, विधानसभा और परिषद जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ भूमि विकास और बुनियादी ढांचे शामिल हो सकते हैं। इन्हीं पर अगले पांच वर्षों में लागत 50,000 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच जाएगी।
आंध्र प्रदेश ने "पोलावरम राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना के लिए बहु-वर्षीय आवंटन" भी मांगा है, जिससे राज्य की पेयजल, सिंचाई और बिजली की जरूरतों को पूरा किए जाने की उम्मीद है। 2019 में परियोजना की कुल लागत लगभग 55,500 करोड़ रुपये थी।

राजनीति से और खबरें
इनके अलावा अन्य मांगें भी आंध्र के विकास और औद्योगिक ढांचे को मजबूत करने से जुड़ी हुई हैं। जिसमें ओडिशा के कोरापुट-बोलंगीर-कालाहांडी विशेष योजना की तरह आंध्र प्रदेश के उत्तर-तटीय रायलसीमा और प्रकाशम जिले के लिए विशेष योजना की मांग केंद्र से की गई है। आंध्र प्रदेश ने केंद्र से मांग की है कि राज्य भर में औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए सहायता दी जाए। विशाखापत्तनम-चेन्नई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और हैदराबाद-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत राज्य के विकास पर जोर दिया जाए।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें