संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के 45 सरकारी पदों को लेटरल एंट्री के जरिए भरने के फैसले पर सोमवार को एनडीए में भारी मतभेद उभर आए। जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने इस कदम का विरोध किया, जबकि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने समर्थन करते हुए कहा कि नौकरशाही में लैटरल एंट्री से आम लोगों को बेहतर सेवा मिल सकेगी।” भाजपा यह कह इसका बचाव कर रही है कि इस नीति को कांग्रेस ने 2005 में तैयार किया था। लेकिन भाजपा इस सवाल का जवाब नहीं दे रही है कि कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया और मोदी सरकार ने इसे 2018 में लागू कर रखा है। 57 अधिकारी लैटरल एंट्री के जरिए रखे भी जा चुके हैं। जिनसे आरक्षण का हक और आईएएस का हक मारा गया है।