संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के 45 सरकारी पदों को लेटरल एंट्री के जरिए भरने के फैसले पर सोमवार को एनडीए में भारी मतभेद उभर आए। जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने इस कदम का विरोध किया, जबकि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने समर्थन करते हुए कहा कि नौकरशाही में लैटरल एंट्री से आम लोगों को बेहतर सेवा मिल सकेगी।” भाजपा यह कह इसका बचाव कर रही है कि इस नीति को कांग्रेस ने 2005 में तैयार किया था। लेकिन भाजपा इस सवाल का जवाब नहीं दे रही है कि कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया और मोदी सरकार ने इसे 2018 में लागू कर रखा है। 57 अधिकारी लैटरल एंट्री के जरिए रखे भी जा चुके हैं। जिनसे आरक्षण का हक और आईएएस का हक मारा गया है।
लैटरल एंट्री पर एनडीए बंटा, जेडीयू- चिराग खुलकर विरोध में, टीडीपी का समर्थन
- देश
- |
- |
- 20 Aug, 2024
लैटरल एंट्री के मुद्दे पर एनडीए में इसके खिलाफ कम से कम दो दलों जेडीयू और एलजेपी (रामविलास पासवान) ने जबरदस्त ऐतराज जताया है, जबकि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने इसका समर्थन कर दिया है। विपक्ष में कांग्रेस और सपा ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी दो दिन से लगातार इस पर ट्वीट कर रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आंदोलन की धमकी दी है। बसपा प्रमुख ने कमजोर आवाज में इसका विरोध किया है।
