वक्फ संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में पहली बड़ी बगावत सामने आई है। दो नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. मोहम्मद कासिम अंसारी ने विधेयक के समर्थन को लेकर जेडीयू से इस्तीफा दे दिया है। एक अन्य नेता मोहम्मद नवाज़ मलिक ने पार्टी छोड़ दी है। अंसारी ने अपने इस्तीफ़े में कहा है कि यह विधेयक भारतीय मुसलमानों के ख़िलाफ़ है और संविधान के मूल अधिकारों का हनन करता है। इस घटना ने न केवल जेडीयू के भीतर असंतोष को उजागर किया है, बल्कि एनडीए के सहयोगी दलों के लिए भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह इस्तीफा एक शुरुआत मात्र है? क्या एनडीए के अन्य दलों में भी मुस्लिम नेता अपनी पार्टियों से किनारा करेंगे? और क्या इस विधेयक का असर इन दलों के वोटबैंक और जनाधार पर पड़ेगा? ये सवाल अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गए हैं।
जेडीयू के वक्फ बिल समर्थन पर दो नेताओं का इस्तीफ़ा; बगावत की पहली चिंगारी!
- विश्लेषण
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- 5 Apr, 2025
जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने पार्टी के वक्फ विधेयक समर्थन पर नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दे दिया। इस राजनीतिक संकट के बीच टीडीपी को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जानें पूरी रिपोर्ट।

जेडीयू के पूर्वी चंपारण जिला चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रवक्ता रहे डॉ. मोहम्मद कासिम अंसारी ने अपने त्यागपत्र में नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, 'लाखों-करोड़ों भारतीय मुसलमानों का नीतीश कुमार पर अटूट विश्वास था कि वे सेक्युलर विचारधारा के ध्वजवाहक हैं, लेकिन वक्फ बिल पर जेडीयू का स्टैंड इस विश्वास को तोड़ने वाला है।'