अमरावती ही आंध्र प्रदेश की राजधानी होगी। तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से एक दिन पहले मंगलवार को यह साफ़ कर दिया है। नायडू का यह बयान इसलिए अहम है कि वाईएसआरसीपी सरकार ने तीन राजधानियों के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन नायडू ने मंगलवार को संकल्प लिया कि अमरावती आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी होगी और पोलावरम परियोजना को पूरा करने का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि विशाखापत्तनम को आर्थिक राजधानी और एक उन्नत विशेष शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'अमरावती हमारी राजधानी होगी। हम रचनात्मक राजनीति करेंगे, प्रतिशोध की राजनीति नहीं। विशाखापत्तनम राज्य की वाणिज्यिक राजधानी होगी। हम लोगों के साथ तीन राजधानियाँ बनाने की कोशिश और इस तरह की कुटिल गतिविधियाँ नहीं खेलेंगे। विशाखापत्तनम ने पूर्ण जनादेश दिया है। हम रायलसीमा का विकास करेंगे ताकि हमें एक शानदार जनादेश मिले।'
चंद्रबाबू नायडू ने विजयवाड़ा में आयोजित एनडीए विधायक दल की बैठक में यह घोषणा की। बैठक के दौरान उन्हें सर्वसम्मति से सदन में गठबंधन का नेता चुना गया। जन सेना पार्टी के प्रमुख के पवन कल्याण ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा और इसका समर्थन भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष और नवनिर्वाचित सांसद डी पुरंदेश्वरी ने किया। चंद्रबाबू नायडू और जन सेना प्रमुख पवन कल्याण आज सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए विजयवाड़ा में राजभवन पहुंचे। बुधवार को चंद्रबाबू नायडू शपथ ग्रहण करेंगे।
2019 में वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी यानी वाईएसआरसीपी को राज्य में विकेंद्रीकृत विकास का विचार पेश किया था। रेड्डी ने कहा था कि वह विशाखापत्तनम को प्रशासनिक राजधानी के रूप में विकसित करेंगे और वहीं शपथ लेंगे। दिसंबर 2019 में वाईएसआरसीपी सरकार ने तीन राजधानियों के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी के रूप में नामित किया गया था।
राज्य के विभाजन के बाद नायडू के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बमुश्किल एक साल बाद 217 वर्ग किलोमीटर में फैले अमरावती शहर ने 2015 में आकार लिया था।
नायडू के पिछले कार्यकाल के दौरान विधायकों और एमएलसी, एआईएस अधिकारियों और सचिवालय कर्मचारियों के लिए फ्लैट बनाए गए थे, लेकिन अंतिम चरण अभी भी बाकी है। उनके कार्यकाल के दौरान उद्घाटन किया गया एक उच्च न्यायालय भवन बनकर तैयार है, साथ ही सचिवालय और विधायी परिसर भी बन रहे हैं।
2016 में तैयार किए गए राजधानी शहर के मास्टर प्लान में परियोजना की अनुमानित लागत 50,000 करोड़ रुपये बताई गई थी। योजना कृष्णा नदी के दक्षिणी तट पर गुंटूर जिले में एक ग्रीनफील्ड शहर विकसित करने की थी।
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