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बुधवार को शपथग्रहण में मोदी के साथ चंद्रबाबू नायडू

मोदी के सामने चंद्रबाबू नायडू ने मुस्लिम को मंत्री पद की शपथ दिलवाई

उनका नाम है नस्यम मोहम्मद फारुक। लेकिन प्रचलन में एन मोहम्मद फारुक ज्यादा है। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू मंत्रिमंडल में जगह बनाई है। फारुक के साथ 24 मंत्रियों ने बुधवार को पीएम मोदी के सामने शपथ ली। सबसे पहले बतौर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शपथ ली। उसके बाद 24 मंत्रियों ने शपथ ली। लेकिन मोदी के सामने हुए इस शपथग्रहण समारोह में दो खास बातें हुईं। एक तो नायडू ने मुस्लिम को मंत्री बनाया और दूसरे अपने बेटे नारा लोकेश को भी मंत्री बनाया। 
वैसे तो यह सब टीडीपी की अपनी अंदरुनी राजनीति का हिस्सा है। लेकिन टीडीपी चूंकि एनडीए का हिस्सा है, मोदी सरकार उसके सहारे पर टिकी हुई है। इसलिए इन दोनों तथ्यों को रेखांकित किया जाना जरूरी है। मोदी परिवारवादी राजनीति पर पिछले 10 वर्षों में हमले करते रहे हैं। उन्होंने खासकर कांग्रेस के परिवारवाद, लालू प्रसाद के परिवारवाद और मुलायम सिंह यादव के परिवारवाद हमला किया है। लेकिन जब भी मौका आया है, मोदी और भाजपा ने सबसे पहले परिवारवादी पार्टियों से समझौता किया है। जिसमें ताजा उदाहरण टीडीपी और चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास पावसवान) प्रमुख है। चिराग पासवान ने इस बार चुनाव में अपने बहनोई तक को टिकट दिया था।
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चंद्रबाबू नायडू ने इस बार तीन मुस्लिमों को विधानसभा का टिकट दिया था। तीनों विधायक बन गए। जिनमें नांदयाल से नस्यम मोहम्मद फारुक, मदनापल्ले से मोहम्मद शाहजहां बाशा और गुंटूर ईस्ट से मोहम्मद नसीर अहमद हैं। इनमें से नस्यम मोहम्मद फारुक को मंत्री बनाया गया है। 
Chandrababu Naidu administered oath of office to a Muslim in front of Modi - Satya Hindi
आंध्र प्रदेश में मंत्री पद की शपथ लेने वाले नस्यम मोहम्मद फारुक
चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के मुसलमानों से 4 फीसदी आरक्षण का वादा किया है। यह वही आरक्षण है जो भारतीय संविधान के जरिए मुस्लिमों की पिछड़ी जातियों को मिला हुआ है। चुनाव जीतने के बाद चंद्रबाबू नायडू के बेटे ने इस बात को दोहराया कि टीडीपी राज्य में मुसलमानों को 4 फीसदी आरक्षण का वादा पूरा करेगी। यह उनका हक है जो उन्हें मिलेगा।
चंद्रबाबू नायडू के एक्शन ने बुधवार को यह संकेत दे दिया कि केंद्र में भाजपा और मोदी की नीति जो भी हो, वो अपने वादे पर आगे बढ़ते रहेंगे। पहले मुस्लिम आरक्षण की घोषणा और अब मुस्लिम मंत्री से यही संदेश देने की कोशिश की गई है।
मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 के पूरे प्रचार अभियान के दौरान मुस्लिम विरोधी बयान दिए। यहां तक कि उन्होंने मुस्लिम आरक्षण को मुद्दा बनाया और दलितों और ओबीसी को डर दिखाया कि कांग्रेस आप लोगों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे देगी। इसी दौरान एक अजीबोगरीब घटना कलकत्ता हाईकोर्ट में हुई। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में उन सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया जो मुस्लिमों को राज्य में मिले थे। बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में संविधान के हिसाब से मुस्लिम आरक्षण लागू किया था। लेकिन भाजपा समर्थकों की ओर से दायर याचिका में इसे कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले से भाजपा को कोई फायदा नहीं हुआ, टीएमसी ने लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की। टीएमसी ने बंगाल में 42 में से 29 सीटें जीती हैं, भाजपा को 12 सीटें और कांग्रेस को 1 सीट मिली। 
पीएम मोदी ने अपने भाषणों में मुसलमानों को घुसपैठिए, ज्यादा बच्चे पैदा करने वाला कहा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हिन्दू महिलाओं के मंगलसूत्र छीनकर मुस्लिम महिलाओं को दे देगी। उन्होंने यहां तक कहा कि जिन हिन्दुओं के पास दो कमरे हैं, कांग्रेस एक मुस्लिम को दे देगी, जिनके पास दो भैंस है, एक भैंस मुसलमान को देगी। अंत में वो मुजरे पर पहुंचे और कहा कि भारत के विपक्षी दल मुजरा कर रहे हैं। 
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लोकसभा के नतीजों ने मोदी और उनकी पार्टी को जबरदस्त झटका दिया। भाजपा 240 सीटों पर जाकर रुक गई और अपने दम पर बहुमत नहीं पा सकी। इसके बाद भाजपा और मोदी ने एनडीए का जाप शुरू किया। आज मोदी सरकार टीडीपी और जेडीयू की बैसाखी पर टिकी है। टीडीपी और जेडीयू अपने चरित्र में सेकुलर पार्टियां हैं। उनकी नीतियां भी भाजपा से अलग हैं। देखना है कि यह तालमेल कब तक चलता है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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