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जगन मोहन रेड्डी और 2 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर

आँध्र प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज हो गई हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। उनके साथ ही दो आईपीएएस अधिकारियों पर भी एफ़आईआर हुई है। पुलिस ने यह कार्रवाई तब की है जब टीडीपी विधायक रघु राम कृष्णम राजू ने आरोप लगाया कि पूर्व सीएम जगन रेड्डी के इशारे पर उन्हें प्रताड़ित किया गया।

टीडीपी विधायक राजू पहले वाईएसआरसीपी में थे और नरसापुरम से सांसद थे, लेकिन बाद में जगन से अलग हो गए। राजू ने 2019 में आंध्र प्रदेश के नरसापुरम लोकसभा क्षेत्र से वाईएसआरसीपी के टिकट पर जीत हासिल की थी, लेकिन चुनाव के तुरंत बाद ही पार्टी से उनका नाता टूट गया। इसके बाद उन्होंने जगन और पार्टी पर कई तीखे हमले किए। उनकी गिरफ़्तारी एक यूट्यूब पोस्ट के कारण हुई जिसमें राजू को तत्कालीन सलाहकार, पब्लिक अफेयर्स, सज्जला रामकृष्ण रेड्डी पर हमला करते हुए देखा गया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि रेड्डी ने वाईएसआरसीपी सोशल मीडिया सेल को उनके खिलाफ़ पोस्ट अपलोड करने के लिए उकसाया था।

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उनकी शिकायत की है कि उन्हें क़रीब तीन साल पहले आंध्र प्रदेश सीआईडी ​​अधिकारियों ने हैदराबाद से अवैध रूप से गिरफ्तार किया और ट्रांजिट गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने के लिए हैदराबाद की स्थानीय अदालत में पेश किए बिना राज्य ले गए। इसी शिकायत के आधार पर गुंटूर के नागरमपालम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। 

14 मई, 2021 को राजू को राजद्रोह के आरोप में तब गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने हैदराबाद में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की थी कि कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में जगन को दी गई जमानत रद्द करनी चाहिए।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सीआईडी ​​अधिकारियों ने आईपीसी की धारा 124ए यानी देशद्रोह, 153ए यानी विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और 505 यानी सार्वजनिक उपद्रव के तहत नोटिस जारी करने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी।
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अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार राजू ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सीआईडी ​​कार्यालय ले जाने के बाद पूर्व सीआईडी ​​प्रमुख पीवी सुनील कुमार और पूर्व खुफिया आईजी पीएसआर अंजनेयुलु व अन्य अधिकारियों ने उनके साथ हाथापाई की, बेल्ट व लाठियों से उनकी पिटाई की और उन्हें चार महीने पहले हुए दिल के ऑपरेशन के लिए दवा लेने से रोका।

उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी तत्कालीन सीएम जगन के इशारे पर काम कर रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक व्यक्ति तब तक उनकी छाती पर बैठा रहा जब तक कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन को अनलॉक करने का पासवर्ड नहीं बता दिया और उन्हें धमकी दी गई कि अगर उन्होंने जगन की आलोचना जारी रखी तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने जगन और दो सीआईडी ​​अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

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क़मर वहीद नक़वी
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