केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी। केंद्र का यह फ़ैसला तब आया है जब लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने संविधान का मुद्दा बनाया था और सांसद के रूप में पीएम मोदी के शपथ लेने के दौरान विपक्ष के नेताओं ने हाथों में संविधान की प्रति रख बीजेपी को संविधान की याद दिलाई थी। विपक्षी नेता बीजेपी सरकार में 'संविधान ख़तरे में' होने का नारा देते रहे हैं। तो क्या विपक्ष के इसी नैरेटिव से मुक़ाबला करने के लिए बीजेपी ने 'संविधान हत्या दिवस' का इस्तेमाल किया है? क्या विपक्ष के इसी नैरेटिव से पार पाने के लिए पीएम मोदी ने हाल के दिनों में 'आपातकाल' वाले नैरेटिव का इस्तेमाल किया है?