तेलंगाना जासूसी मामले में 1200 फोन की टैपिंग का मामला सामने आया है। सरकारी एजेंसी ही इतने लोगों पर नज़र रख रही थी। इसकी जाँच रेवंत रेड्डी की सरकार ने कराई है। इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट से पता चलता है कि 1200 से ज़्यादा फोन टैप किए गए और आरोपियों ने स्टोरेज डिवाइस को नुकसान पहुंचाकर सबूत नष्ट करने की कोशिश की। चार्जशीट में कई बड़े अफ़सरों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस के किसी नेता का नाम नहीं है। फोन टैपिंग का मामला बीआरएस की सरकार में ही सामने आया था।
तेलंगाना जासूसी केस में आरोपपत्र दायर- 1200 फोन टैप गिए गए
- तेलंगाना
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- 12 Jun, 2024
कमिश्नर टास्क फोर्स के पूर्व डीसीपी को 29 मार्च को शहर की पुलिस ने फोन टैपिंग और कुछ कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा नष्ट करने के मामले में गिरफ्तार किया था।

स्थानीय अदालत में दायर चार्जशीट में आरोपियों में पुलिस उपाधीक्षक डी प्रणीत राव, अतिरिक्त अधीक्षक भुजंगा राव और तिरुपथन्ना, पूर्व पुलिस उपायुक्त (टास्क फोर्स) राधा किशन राव और दो भगोड़े - पूर्व विशेष खुफिया ब्यूरो प्रमुख प्रभाकर राव और स्थानीय मीडिया संगठन में वरिष्ठ कर्मचारी श्रवण कुमार शामिल हैं।