हैदराबाद संसदीय सीट पर इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार माधवी लता एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। हाल के दिनों में वह लगातार चर्चा में हैं।
दावा किया जा रहा है कि वह असदुद्दीन ओवैसी को उनके गढ़ हैदराबाद में कड़ी चुनौती दे रही हैं। वह हर दिन ओवैसी से तीखे सवाल पूछ रही हैं और मतदाताओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। वह प्रखर वक्ता हैं जिसके कारण लोग उनसे प्रभावित भी हो रहे हैं।
यूं तो इस सीट पर कांग्रेस के मोहम्मद वलीउल्लाह समीर भी चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन चर्चा में अगर कोई है तो वह भाजपा उम्मीदवार माधवी लता हैं।
हैदराबाद लोकसभा सीट असदुद्दीन ओवैसी और उनके परिवार की परंपारगत सीट रही है। इस सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के पिता 6 बार सांसद रह चुके हैं। खुद असदुद्दीन ओवैसी इस सीट से 4 बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में इस सीट को उनके लिए काफी सुरक्षित सीट माना जाता रहा है। 40 वर्ष से इस सीट पर ओवैसी परिवार का कब्जा रहा है।
लेकिन अब उनका यह गढ़ खतरे में नजर आ रहा है। असदुद्दीन ओवैसी के समक्ष अब चुनौती अपने इस गढ़ को बचाने की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 20 लाख से ज्यादा है। इसमें से 11 लाख 50 हजार से ज्यादा मुस्लिम मतदाता बताए जा रहे हैं। ओवैसी की मुस्लिम मतदाताओं में गहरी पकड़ रही है। इसके कारण वह आसानी से यहां से जीतते रहे हैं।
लेकिन इस बार उनकी परेशानी कांग्रेस और भाजपा दोनों ने मिलकर बढ़ा दी है। कांग्रेस ने उनके खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवार मोहम्मद वलीउल्लाह समीर को उतार दिया है। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी, इसके कारण उसका उत्साह भी काफी बढ़ा हुआ है।
माना जा रहा है कि मोहम्मद वलीउल्लाह समीर हैदराबाद में अगर ओवैसी को मजबूत टक्कर दे पाए तो मुस्लिम वोटों में बंटवारा हो सकता है। ऐसी स्थिति में भाजपा उम्मीदवार माधवी लता के लिए जीत की राह आसान हो सकती है।
उन्हें जीताने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के बड़े नेता लगातार उनके लिए प्रचार कर रहे हैं। भाजपा तेलंगाना में अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है। अगर माधवी लता हैदराबाद सीट जीतती हैं तो तय है कि भारतीय राजनीति में उनका कद काफी बढ़ेगा।
अगर वह इस मुस्लिम बहुल सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब होती हैं तो यह भाजपा की दक्षिण भारत में एक बड़ी जीत मानी जायेगी। माधवी लता के चुनाव में उतरने से वोटों का धुर्वीकरण भी हो सकता है। उनकी छवि भी सनातन धर्म की पैरोकार वाली है। वह दक्षिण में हिंदुत्व का बड़ा चेहरा भी मानी जा रही हैं। अपने तीखे सवालों और आक्रमक चुनाव प्रचार से वह लगातार चर्चा में रह रही हैं।
सबसे खास बात यह कि वह मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच जाकर भी वोट मांग रही हैं। मुस्लिम महिलाओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ भी मानी जाती है। ऐसे में इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि मुस्लिम मतदाता भी उन्हें अच्छी संख्या में वोट दें।
इस चुनाव में इन तीनों उम्मीदवारों में से किसकी जीत होगी और किसको हार का मुंह देखना होगा यह 4 जून को पता चलेगा। हार-जीत का फैसला 13 मई को होने वाला मतदान तय करेगा। इस दिन ही हैदराबाद समेत पूरे तेलंगाना में मतदान होना है।
मुस्लिमों में भी है इनकी लोकप्रियता
49 वर्षीय माधवी लता पेशे से कारोबारी हैं। वह समाज सेवा के कार्यों में वर्षों से सक्रिय हैं। माधवी लता भरतनाट्यम की वरिष्ठ नृत्यांगना हैं। वह तेलगु और तमिल फिल्मों में भी अभिनय कर चुकी हैं।हैदराबाद के मुस्लिम बहुल पुराने शहर में उनके सामाजिक कार्यों के कारण उनकी खास पहचान है। यही कारण है कि भले ही उनकी हिंदुत्ववादी छवि पेश की जा रही है लेकिन मुस्लिम तबके में भी वह लोकप्रिय हैं। मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए वह लंबे समय से काम करती रही हैं। वह तीन तलाक के खिलाफ भी अभियान चला चुकी हैं। उनका दावा है कि मुस्लिम महिलाओं का वोट बड़ी संख्या में उन्हें मिलेगा।
हिंदुत्ववादी छवि और मुस्लिमों में भी लोकप्रिय होना उनकी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। माना जाता है कि इसी कारण भाजपा ने इस सीट पर उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। 2018 में ही वह भाजपा में शामिल हुई थी।
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