तेलंगाना में कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। इस बार मामला दो महिला पत्रकारों, रेवती पोगदडांडा और तन्वी यादव की गिरफ्तारी का है। इन्हें राज्य सरकार और सीएम की आलोचना करने के आरोप में हिरासत में लिया गया। हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने दोनों को एक दिन पहले उनके घरों से गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई ने कांग्रेस के 'बोलने की आजादी' और 'लोकतंत्र की रक्षा' के दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेलंगाना में विपक्षी दल और पत्रकार संगठन इस पर कांग्रेस सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
तेलंगाना पत्रकार गिरफ्तारी: कांग्रेस के 'बोलने की आजादी' के दावों पर सवाल क्यों?
- तेलंगाना
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- सत्य ब्यूरो
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- 13 Mar, 2025
तेलंगाना में दो महिला पत्रकारों की गिरफ्तारी से कांग्रेस सरकार की ‘बोलने की आजादी’ की नीति पर सवाल खड़े हो गए हैं। क्या यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है? जानें पूरी रिपोर्ट।

रेवंत रेड्डी सरकार की आलोचना क्यों हो रही है, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर दोनों पत्रकारों को किन आरोपों में गिरफ़्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई कांग्रेस सोशल मीडिया सेल के राज्य सचिव की शिकायत पर आधारित थी। शिकायत में कहा गया कि रेवती और तन्वी ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म 'पल्स टीवी' पर एक वीडियो पोस्ट किया था, इसमें एक बुजुर्ग किसान ने सीएम रेवंत रेड्डी के ख़िलाफ़ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'निप्पो कोडी' हैंडल से साझा किया गया। इसके बाद यह वायरल हो गया। पुलिस ने इसे 'क़ानून-व्यवस्था के लिए ख़तरा' करार देते हुए दोनों पत्रकारों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया। उनके पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त किए गए।
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