कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ पुणे की कोर्ट में एक और मानहानि केस किया गया है। इस बार उन्हें सावरकर के खिलाफ बोलने पर घेरा गया है। अंग्रेजों से माफी मांगकर अंडमान जेल से बाहर आने वाले सावकर पर राहुल गांधी लगातार सवाल उठाते रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष सिद्धारमैया ने कहा है कि वह विधानसभा में किसी की तस्वीर लगाए जाने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सरकार कानून और व्यवस्था सहित अहम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसा कर रही है।
राहुल गांधी के द्वारा सावरकर को लेकर दिए गए बयान के बाद अच्छा-खासा विवाद हुआ। लेकिन राहुल को सावरकर पर बयान देने की क्या जरूरत थी? क्या इस बयान से कांग्रेस को कोई फायदा होगा या सिर्फ और सिर्फ नुकसान होगा।
राहुल गांधी के द्वारा सावरकर को लेकर दिए गए बयान के बाद संजय राउत ने महा विकास आघाडी में दरार आने तक की बात कही थी। अब उन्होंने कहा है कि वे कांग्रेस के साथ बने रहेंगे। लेकिन सावरकर और हिंदुत्व पर कोई समझौता नहीं करेंगे, आखिर राउत के बयान का मतलब क्या है।
राहुल गांधी के द्वारा सावरकर को लेकर दिए गए बयान के बाद विवाद हुआ और महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी में दरार आने की बात उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कही। लेकिन राहुल गांधी भारतीय राजनीति में विचारधारा की लड़ाई को इस हद तक ले जाते हुए दिख रहे हैं कि अगर आप महात्मा गांधी को मानते हैं तो आपको वीडी सावरकर को धिक्कारना होगा।
राहुल गांधी के द्वारा सावरकर को लेकर दिए गए बयान के बाद विवाद बढ़ रहा है। क्या इससे महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी को कोई राजनीतिक नुकसान भी हो सकता है?
संजय राउत ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा को अन्य प्रदेशों के साथ ही महाराष्ट्र में भी अच्छा समर्थन मिल रहा है और ऐसे में सावरकर का मुद्दा लाने की कोई जरूरत नहीं थी। क्या राहुल गांधी के द्वारा सावरकर को लेकर दिए गए बयान के बाद महा विकास आघाडी का गठबंधन टूट सकता है?
एकनाथ शिंदे गुट की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि राहुल गांधी ने जो बयान दिया है उससे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सावरकर का अपमान हुआ है और स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
विनायक दामोदर सावरकर हिंदुत्ववादियों के आइकॉन हैं तो कांग्रेस सहित कई आलोचक सावरकर को माफीवीर कहते हैं। इसे लेकर आए दिन विवाद होता है। राहुल गांधी के ताजा हमले के बाद यह जानना जरूरी है कि सावरकर के द्वारा अंग्रेजों को लिखी गई चिट्ठियों या माफीनामों में क्या कहा गया था, पढ़िए।
स्कूली छात्रों के साथ बहुत बड़ा अनर्थ होने जा रहा है। कर्नाटक में आठवीं क्लास की किताब में एक पाठ सावरकर पर शामिल किया गया है। जिसमें लिखा गया है कि सावरकर बुलबुल पक्षी के पंख पर बैठकर मातृभूमि भारत का दौरा किया करते थे। जानिए क्या है पूरा मामला और यह कैसे खतरनाक है।
देश में गांधी जी के हत्यारे गोडसे और उसके गुरु सावरकर को स्थापित करने की कोशिशें तेज होती जा रही हैं। मुजफ्फरनगर में 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा गोडसे के चित्र के साथ निकाली गई।
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किस आधार पर कहा है कि महात्मा गांधी के कहने पर सावरकर ने अंग्रेज़ों से माफ़ी मांगी थी? जानिए, जानकारों ने उनके पक्ष में क्या सबूत पेश किए और किस सबूत के आधार पर लोगों ने उनके बयान को तथ्यहीन कहा।
बीजेपी और संघ जहां सावरकर को वीर, देशभक्त और क्रांतिकारी बताते हैं, वहीं कांग्रेस का कहना है कि सावरकर ने अंग्रेजों से रिहाई की भीख मांगी थी और जेल से आज़ादी के बदले अंग्रेजों की ग़ुलामी स्वीकार की थी।