कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर हिंदुत्व के आइकॉन विनायक दामोदर सावरकर पर हमला कर पुरानी बहस को जिंदा कर दिया है। बहस इस बात की कि सावरकर क्या वाकई वीर थे या फिर माफीवीर थे।
सावरकर ने अंग्रेजों को लिखे गए माफीनामे में क्या कहा था
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- 17 Nov, 2022
विनायक दामोदर सावरकर हिंदुत्ववादियों के आइकॉन हैं तो कांग्रेस सहित कई आलोचक सावरकर को माफीवीर कहते हैं। इसे लेकर आए दिन विवाद होता है। राहुल गांधी के ताजा हमले के बाद यह जानना जरूरी है कि सावरकर के द्वारा अंग्रेजों को लिखी गई चिट्ठियों या माफीनामों में क्या कहा गया था, पढ़िए।

राहुल गांधी ने सावरकर के द्वारा जेल में रहते हुए अंग्रेजों को लिखी गई चिट्ठी को पढ़ा। राहुल ने कहा कि सावरकर ने चिट्ठी में लिखा था- सर मैं आपका नौकर बने रहना चाहता हूं।
राहुल गांधी के द्वारा इस चिट्ठी को पढ़े जाने के बाद यह जानने की उत्सुकता सभी में है कि आखिर सावरकर ने अपनी चिट्ठियों में क्या लिखा था। इन्हें माफीनामा या दया याचिकाएं भी कहा जाता है।
सावरकर ने अंग्रेज शासकों की सेवा में 5 माफ़ीनामे पेश किए और 50 साल की कुल सज़ा में से 35 से अधिक साल की छूट पाई। सावरकर 4 जुलाई 1911 से 2 मई 1921 तक सेलुलर जेल में बंद थे। इस दौरान उन्होंने अंग्रेज शासकों की सेवा में पांच माफीनामे या दया याचिकाएं 1911, 1913, 1914, 1918 और 1920 में पेश की थीं।