कर्नाटक की विधानसभा में विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर लगाए जाने का कांग्रेस पार्टी ने जोरदार विरोध किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष सिद्धारमैया और अन्य कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया है। सोमवार से ही कर्नाटक के बेलगावी में विधानसभा का 10 दिन का शीत सत्र शुरू हुआ है।
सिद्धारमैया ने कहा है कि वह विधानसभा में किसी की तस्वीर लगाए जाने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सरकार कानून और व्यवस्था सहित अहम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने मांग की है कि विधानसभा में सभी राष्ट्रीय नेताओं और समाज सुधारकों की तस्वीर लगाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्पीकर का विधानसभा में सावरकर की तस्वीर लगाए जाने का फैसला एकतरफा है और यह बीजेपी के एजेंडे का हिस्सा है।
सिद्धारमैया ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा है कि भगवान वाल्मीकि, बसावन्ना, कनक दास, बीआर आंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल और कई अन्य लोगों के चित्र भी विधानसभा में लगाए जाएं। यह तस्वीर विधानसभा में स्पीकर की कुर्सी के पीछे लगाई गई है।
राहुल की टिप्पणी पर हुआ था हंगामा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर को लेकर की गई टिप्पणी पर खासा हंगामा हुआ था। राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सावरकर के द्वारा जेल में रहते हुए अंग्रेजों को लिखी गई चिट्ठी को पढ़ा था। इसके बाद उनके खिलाफ महाराष्ट्र में एफआईआर दर्ज की गई थी। महा विकास आघाडी में कांग्रेस के सहयोगी दल शिवसेना के उद्धव गुट ने चेताया था कि इस तरह के बयानों से महा विकास आघाडी में दरार पड़ सकती है।
सावरकर को लेकर विवाद
विनायक दामोदर सावरकर हिंदुत्ववादियों के आइकॉन हैं तो कांग्रेस सहित कई आलोचक सावरकर को माफीवीर कहते हैं। इसे लेकर आए दिन विवाद होता है।
कांग्रेस लगातार सावरकर पर हमला बोलते रही है उन्हें माफ़ीवीर बताती रही है। कांग्रेस ने एक बुकलेट ‘वीर सावरकर, कितने वीर’ जारी की थी और इसे लेकर ख़ासा विवाद हुआ था।
गांधी के कहने पर दायर की थी याचिका
सावरकर के द्वारा अंग्रेजों से माफी मांगे जाने को लेकर उठे तमाम सवालों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते साल अक्टूबर में कहा था कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफ़ी महात्मा गांधी के कहने पर मांगी थी। उन्होंने कहा था कि राष्ट्र निर्माण में सावरकर के योगदान को अनदेखा करने की कोशिश को कभी भी माफ नहीं किया जा सकता। राजनाथ ने कहा था कि सावरकर भारतीय इतिहास के महानायक थे, हैं और रहेंगे।
नजदीक हैं विधानसभा चुनाव
कर्नाटक में कुछ महीने के बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और वहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है। कुछ सीटों पर जनता दल सेकुलर की भी मजबूत मौजूदगी है। कर्नाटक और महाराष्ट्र इन दिनों बेलगावी सीमा विवाद के मुद्दे पर आमने-सामने हैं। बेलगावी कर्नाटक में है लेकिन महाराष्ट्र इस पर अपना हक जताता है। कर्नाटक ने विधानसभा का यह सत्र बेलगावी में ही आयोजित किया है। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर भी विधानसभा के सत्र में अच्छा-खासा हंगामा होने का आसार हैं।
सावरकर का भी संबंध बेलगावी से रहा है। सावरकर को बेलगावी की केंद्रीय जेल में साल 1950 में 4 महीने तक हिरासत में रखा गया था। तब सावरकर को बेलगावी में पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
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