दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने सावरकर के पोस्टर को लेकर धमकी दी है। प्रमोद मुथालिक ने कहा है कि अगर किसी ने भी सावरकर के पोस्टर को हाथ लगाया तो उनके संगठन के कार्यकर्ता उसका हाथ काट देंगे। बता दें कि कर्नाटक में बीते दिनों सावरकर के पोस्टर को लेकर हिंदू और मुसलिम समुदाय के कुछ लोगों के बीच जबरदस्त हिंसा हो चुकी है।
कर्नाटक के शिवमोगा और तुमकुरु में सावरकर के पोस्टर को लेकर विवाद हुआ था और इसके बाद चाकूबाजी की घटनाएं हुई थी। कर्नाटक पुलिस ने इस विवाद में कई लोगों को गिरफ्तार किया था।
प्रमोद मुथालिक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सावरकर कभी भी मुसलमानों के खिलाफ नहीं थे वह अंग्रेजों के खिलाफ थे लेकिन अगर कोई मुसलिम या कांग्रेस कार्यकर्ता हमारे द्वारा लगाए गए सावरकर के बैनर या तस्वीर को छूता है तो हम उसके हाथ काट देंगे। प्रमोद मुथालिक ने कहा कि वह इस बात के जरिए चेतावनी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सावरकर ने अपने जीवन के 23 साल देश के लिए लड़ते हुए गुजारे।
सावरकर की तस्वीर लगाने का एलान
कर्नाटक में दक्षिणपंथी संगठनों ने एलान किया है कि वे विनायक दामोदर सावरकर और बाल गंगाधर तिलक की तस्वीरों को 31 अगस्त से शुरू होने जा रहे गणेश चतुर्थी के महोत्सव के दौरान पंडालों में लगाएंगे। प्रमोद मुथालिक ने कहा है कि सावरकर और बाल गंगाधर तिलक की तस्वीरों को पूरे राज्य भर में 15000 जगहों पर लगाया जाएगा।
इसके अलावा हिंदू महासभा गौरी गणेश सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश रामामूर्ति ने कहा है कि हमने बाल गंगाधर तिलक और वीर सावरकर की फोटो को गणेश चतुर्थी के त्यौहार के पोस्टर में जगह दी है लेकिन कुछ शरारती तत्व इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सावरकर एक स्वतंत्र सेनानी थे और हम उनकी और तस्वीरें लगाएंगे।
बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठन सावरकर को स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन का नायक और देशभक्त बताते हैं जबकि सावरकर की आलोचना करने वाले लोग उन्हें अंग्रेजों से माफी मांगने वाला करार देते हैं और कायर बताते हैं।
सावरकर के बैनर को लेकर कुछ दिन पहले शिवमोगा में सांप्रदायिक तनाव हुआ था और कर्फ्यू लगाना पड़ा था। स्वतंत्रता दिवस पर अमीर अहमद सर्कल में एक समूह ने सावरकर का पोस्टर लगाया था लेकिन दूसरे ने इसे हटा दिया था और इसकी जगह टीपू सुल्तान के पोस्टर लगाने की कोशिश की थी।
18वीं शताब्दी के शासक टीपू सुल्तान अंग्रेजों के खिलाफ लड़े थे और चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध में मारे गए थे। जबकि विनायक दामोदर सावरकर को बीजेपी अपना सबसे बड़ा आइकॉन मानती है।
सांप्रदायिक घटनाएं
पिछले साल जुलाई में बसवराज बोम्मई के मुख्यमंत्री बनने के बाद हिजाब, हलाल, हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच में सांप्रदायिक झड़पें होने की वजह से राज्य का माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है। राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं।
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