सावरकर को लेकर मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार और बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने हैं। एक एनजीओ द्वारा रतलाम ज़िले के सरकारी हाईस्कूल में सावरकर की तसवीर वाले और उनकी जीवनी लिखे रजिस्टर बच्चों के बीच बाँटे जाने को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड करना बीजेपी को बेहद नागवार गुज़रा है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अनेक बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार के ख़िलाफ़ ‘मोर्चा’ खोल दिया है।
एमपी: सावरकर के फ़ोटो लगे रजिस्टर बाँटने पर प्रिंसिपल सस्पेंड
- मध्य प्रदेश
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- 16 Jan, 2020

सावरकर पर मध्य प्रदेश में फिर घमासान है। एक एनजीओ सरकारी हाईस्कूल में सावरकर की तसवीर वाले और उनकी जीवनी लिखे रजिस्टर बाँटने पर प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया।
मामला रतलाम ज़िले के मलवासा हाईस्कूल का है। दिलचस्प तथ्य यह है कि स्कूल में एक एनजीओ ने ग़रीब बच्चों को परीक्षा की तैयारियों में मदद के नाम पर बीते चार नवंबर को रजिस्टर बाँटे थे। इन रजिस्टरों (नोटबुक्स) पर सावरकर के चित्र और उनकी जीवनी भी अंतिम पृष्ठों पर अंकित थी।
सावरकर के फ़ोटो और जीवनी वाले रजिस्टर बाँटे जाने की भनक लगने के बाद मसले पर राजनीति शुरू हो गई थी। रतलाम के ज़िला शिक्षा अधिकारी समेत आला अफ़सरों को पूरे मसले की शिकायत की गई। जाँच बैठाई गई। जाँच रिपोर्ट मिलने के बाद उज्जैन कमिश्नर (रतलाम ज़िला इसी संभाग के अधीन आता है) ने प्रिंसिपल आर.एन. केरावत को दोषी मानते हुए गत दिवस सस्पेंड करने का फ़रमान सुना दिया।