संभल में एक प्राचीन मंदिर के फिर से मिलने और उसका ताला खोले जाने की कहानी पिछले शुक्रवार को टीवी चैनलों पर, हिन्दी मीडिया पर देख और पढ़ रहे होंगे। लेकिन यह कहानी फर्जी है। संभल का भष्म शंकर मंदिर रस्तोगी समाज का है। जिस रस्तोगी परिवार ने इस मंदिर को बनवाया उसने नफरती मीडिया पर तमाचा मारते हुए सारा सच बताया और कहा कि इस मंदिर पर ताला उन्होंने लगाया क्योंकि वो इस इलाके से दूसरे इलाके में रहने चले गये थे। बीच-बीच में वो लोग पूजा करने आते थे। यहां पर किसी पुजारी की नियुक्ति नहीं हो पाई तो मंदिर बंद ही रहता था। लेकिन इस मंदिर पर कब्जा करने या पूजा रोकने की सारी कहानी फर्जी है।