क्या संभल हिंसा पर गठित न्यायिक आयोग मुसलमानों को इंसाफ दिलवा सकता है?
— The Muslim Spaces (@TheMuslimSpaces) January 21, 2025
“मेरे पति मोहम्मद नदीम को पुलिस ने 24 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि वह बीमार थे और घटना के समय घर पर ही थे!”
संभल के मोहल्ला नखासा की शमा परवीन समेत स्थानीय मुसलमानों ने न्यायिक आयोग को अपने बयान दर्ज… pic.twitter.com/HDHPak1FRt
क्या हुआ था संभल में
संभल हिंसा 24 नवंबर 2024 को हुई थी। संभल में वहां की शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर बवाल हुआ था। हिंसक झड़प तब हुई जब एक सर्वे टीम मस्जिद का सर्वे करने पहुँची। एक शिकायत पर अदालत के आदेश के बाद टीम सर्वे करने पहुँची थी। वकील विष्णु शंकर जैन ने अपनी अर्जी में कोर्ट में दावा किया था कि मस्जिद के स्थान पर कभी हरिहर मंदिर नामक मंदिर हुआ करता था और मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था। जिस स्थानीय कोर्ट में यह अर्जी लगाई गई, उसने सर्वे का आदेश कर दिया। सर्वे टीम उसी दिन शाही मस्जिद जा पहुंची।लेकिन उसके साथ एक भीड़ भी थी, जिसने उत्तेजक नारेबाजी की और नमाज पढ़ रहे लोगों को भगा दिया। फिर दोनों ओर से पथराव हुआ। पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें 4 मुस्लिम युवक मारे गये।यूपी के संभल में पुलिस इरफान को घर से उठाकर लाई, पैसों का विवाद था.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) January 20, 2025
परिजनों का आरोप है- पुलिस कस्टडी में इरफान की मौत हो गई.
पुलिस के मुताबिक- इरफान को पूछताछ के लिए लाया गया था.
पुलिस चौकी पर इरफान ने दवा खाई. दवा खाने के बाद उसे सीने में दर्द हुआ, अस्पताल ले गए, मौत हो गई. pic.twitter.com/g3zD6HRcjH
इरफान को किसने मारा
एक तरफ तो न्यायिक आयोग संभल में मौके पर थी। दूसरी तरफ इरफान नामक फल विक्रेता को पुलिस एक शिकायत पर पकड़ कर ले गई। लेकिन पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई थी। इरफ़ान की पत्नी रेशमा ने आरोप लगाया कि इरफान के स्वास्थ्य के बारे में पुलिस से गुहार लगाने के बावजूद उन्हें दवाएँ लेने की अनुमति नहीं दी गई। इरफान दिल के मरीज थे और मुरादाबाद में उनकी नाक की हड्डी की सर्जरी हुई थी। आरोप है कि पुलिस ने दवा भी नहीं लेने दी, बल्कि गिरफ्तार कर थाने ले आई। हालांकि पुलिस आरोपों से इनकार कर रही है।उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस चौकी के अंदर इरफान की संदिग्ध मौत ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) January 20, 2025
परिजनों द्वारा लगाए गए पुलिस टॉर्चर के आरोपों ने न केवल प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि योगी सरकार की कार्यशैली पर भी करारा प्रहार किया है।
प्रदेश… pic.twitter.com/r1wlKXPy5c
संभल में संविधान और मानवाधिकारों को नहीं मानती पुलिस, लगातार पुलिसिया उत्पीड़न की कहानियॉं सामने आ रही हैं। https://t.co/ZWjFWwOMuh
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) January 20, 2025
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