क्या राहुल गांधी समाजवादी पार्टियों से उनका पुराना एजेंडा और विरासत छीनने की तैयारी कर रहे हैं? पटना में उनके एक भाषण के बाद राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल जिस तेजी से पिछड़ों और दलितों का मुद्दा उठा रहे हैं उससे बीजेपी के साथ ही समाजवादी विचारधारा पर आधारित पार्टियों को भी चुनौती मिल सकती है। राहुल ने शनिवार को पटना में न्याय अधिकार सम्मेलन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में दो अलग-अलग भाषण दिए। एक भाषण में राहुल ने कहा कि कांग्रेस को सामाजिक न्याय आंदोलन को आगे बढ़ाना होगा। यह नारा पुराने समाजवादियों का था।

लालू यादव ने नब्बे के दशक में पिछड़ों की राजनीति की शुरुआत की और क़रीब 15 वर्षों तक सत्ता पर उनका नियंत्रण रहा। बाद में नीतीश ने अति पिछड़ों और अति दलितों की राजनीति को आगे बढ़ाया और वह लगभग 15 वर्षों से मुख्यमंत्री बने हुए हैं। क्या अब वही राजनीति राहुल गांधी कर रहे हैं?
समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया, सामाजिक न्याय आंदोलन के महा नायक थे। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री राज नारायण और छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र ने इस आंदोलन को अस्सी और नब्बे के दशक में आगे बढ़ाया। सवर्ण जातियों का दबदबा तोड़ कर बिहार में लालू यादव तथा नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव जैसे नेताओं को सत्ता के शीर्ष तक पहुँचाने में इस आंदोलन का हाथ था। बिहार में लोहिया की विरासत सम्भालने का दावा लालू और उनकी पार्टी आरजेडी करती है। उत्तर प्रदेश में समाजवादियों की जमीन अब मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव संभालते हैं।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक