प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राम विवाद नहीं, समाधान का नाम है। क्या अपने इस कथन पर अमल करते हुए वे अपनी राजनीति भी बदलेंगे या उनकी पार्टी और उनके परिवार के लिए अयोध्या की झांकी के बाद मथुरा-काशी बाक़ी है?
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में राजनेता से लेकर अभिनेता, खिलाड़ी, व्यवसायी और अन्य हस्तियाँ ही नहीं शामिल हुईं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और क़ानूनी अधिकारी भी शामिल हुए।
कर्नाटक के एक गाँव में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े एक कार्यक्रम में ग्रामीणों ने आख़िर बीजेपी सांसद को क्यों नहीं शामिल होने दिया? क्यों कह दिया कि लोकसभा चुनाव से पहले वोट के लिए आए हैं?
राम मंदिर का उद्घाटन क्या 25 जनवरी के बाद नहीं हो सकता था? अगर फरवरी में मंदिर का उद्घाटन होता तो क्या लोकसभा चुनाव में उसका फायदा नहीं मिलता? जानें किस वजह से 22 जनवरी की तारीख तय की गई।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आख़िर किस आधार पर आरोप लगाया कि भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की लाइव स्क्रीनिंग और पूजा पर तमिलनाडु सरकार ने रोक लगा दी है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ।
अयोध्या में सोमवार को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री मोदी से लेकर बॉलीवुड, खेल और उद्योग जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियाँ तक होंगी। जानिए, आख़िर कैसी होगी सुरक्षा व्यवस्था।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आख़िर किस आधार पर आरोप लगाया है कि 22 जनवरी को होने वाली राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर तमिलनाडु ने 'राम पूजा' पर प्रतिबंध लगा दिया है? जानिए, इस पर तमिलनाडु के मंत्री ने क्या दावा किया।
रामलला विराजमान यानी पुरानी मूर्ति को लेकर उठ रहे सवालों के बीच राम मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति स्थापित कर दी गई। जानिए, यह कौन सी मूर्ति है और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा से पहले शुक्रवार को क्या अनुष्ठान होंगे।
राम मंदिर के अधूरे निर्माण को लेकर प्राण प्रतिष्ठा पर लगातार सवाल उठाते रहे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने अब रामलला विराजमान सहित कई बड़े सवाल खड़े किए हैं। क्या ट्रस्ट इन सवालों का जवाब देगा?
राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुख्य यजमान को लेकर आख़िर इतना रहस्य क्यों है? पीएम मोदी मुख्य यजमान होंगे या नहीं? जानिए, अनुष्ठान कराने वाले पुजारी क्या कहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता करेंगे। लेकिन इससे पहले आज ही उन्होंने 'अनुष्ठान' शुरू कर दिया। जानिए, उन्होंने क्या कहा।
राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक आयोजन है या फिर राजनीतिक? यदि यह धार्मिक आयोजन है तो फिर साधु-संतों से ज़्यादा राजनेता इसके हिस्सा क्यों हैं और केंद्र में साधु-संत न होकर कोई और क्यों है?