कांग्रेस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कांग्रेस पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर के आगामी उद्घाटन को छोड़ने का फैसला किया है। बयान में कहा गया है, 'भाजपा और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया गया है।' बयान में आगे कहा गया है, '2019 के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट रूप से आरएसएस/भाजपा कार्यक्रम के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है।'
Here is the statement of Shri @Jairam_Ramesh, General Secretary (Communications), Indian National Congress. pic.twitter.com/JcKIEk3afy
— Congress (@INCIndia) January 10, 2024
अभिषेक अनुष्ठान के लिए कई शीर्ष राजनेताओं, एथलीटों और मशहूर हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी निमंत्रण दिया गया। इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित अन्य विपक्षी नेताओं में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, लालू यादव और सीताराम येचुरी शामिल हैं।
कांग्रेस नेताओं को निमंत्रण दिए जाने पर कांग्रेस के लिए इसे एक बड़ी मुश्किल के तौर पर देखा जा रहा था। निमंत्रण मिलने के बाद जब इस पर सवाल पूछे गए तो कांग्रेस की ओर से बार-बार कहा गया कि इसपर बाद में फ़ैसला लिया जाएगा।
कांग्रेस के लिए इस पर फ़ैसला लेना इसलिए मुश्किल बताया जा रहा था क्योंकि इससे उसके वोट बैंक को लेकर असमंजस की स्थिति बनती दिख रही थी। बीजेपी खुलकर हिंदुत्व की राजनीति करती है और आम तौर पर सवर्ण हिंदू उसके साथ रहे हैं। कांग्रेस खुद को धर्मनिरपेक्ष बताती रही है। ऐसे में उसके लिए मुश्किल यह थी कि यदि वह राम मंदिर के कार्यक्रम में जाने का फ़ैसला करती तो पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठता और यदि नहीं जाने का फ़ैसला करती तो बीजेपी कांग्रेस को हिंदू विरोधी पार्टी के तौर पर प्रचारित करती।
अब संभव है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को हिंदू विरोधी पार्टी के तौर पर प्रचारित करती और इसे वोट बैंक में तब्दील करने की कोशिश करेगी।
मंदिर का निर्माण भाजपा के राजनीतिक मुद्दे का केंद्रबिंदु रहा है और उसके वादे ने 1990 के दशक में पार्टी की जबरदस्त तरक्की में योगदान दिया था। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किया जाना है। पुनर्निर्मित मंदिर शहर बड़े दिन पर हजारों लोगों की मेजबानी के लिए तैयार है। इस दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।
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