केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को आरोप लगाया कि 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन के दिन तमिलनाडु के मंदिरों में भगवान राम को समर्पित 'पूजा' की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी को राम मंदिर कार्यक्रम के सीधे प्रसारण पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने इस कदम को हिंदू विरोधी बताया है। हालाँकि तमिलनाडु के मंत्री शेखर बाबू ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के मंत्री शेखर बाबू ने एक बयान जारी कर निर्मला सीतारमण पर ग़लत जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है।
— P.K. Sekar Babu (@PKSekarbabu) January 21, 2024
शेखर बाबू ने एक बयान में कहा है, 'सलेम में डीएमके की यूथ कॉन्फ्रेंस से लोगों का ध्यान हटाने के प्रयास के तहत जानबूझकर ग़लत जानकारी फैलाई जा रही है। हम इसकी निंदा करते हैं।'
उन्होंने आगे कहा है, 'हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग ने तमिलनाडु के मंदिरों में राम के लिए पूजा या अन्नदानम चढ़ाने या प्रसाद बाँटने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।' उन्होंने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निर्मला सीतारमण जैसी केंद्रीय मंत्री किसी मक़सद से ग़लत जानकारी का प्रोपेगेंडा फैला रही हैं।
TN govt has banned watching live telecast of #AyodhaRamMandir programmes of 22 Jan 24. In TN there are over 200 temples for Shri Ram. In HR&CE managed temples no puja/bhajan/prasadam/annadanam in the name of Shri Ram is allowed. Police are stopping privately held temples also… pic.twitter.com/G3tNuO97xS
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) January 21, 2024
निर्मला सीतारमण ने आगे आरोप लगाया कि 'तमिलनाडु सरकार लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंध को सही ठहराने के लिए अनौपचारिक रूप से क़ानून और व्यवस्था के मुद्दों का दावा कर रही है।'
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