श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का अचानक यह कहना सबको हैरान करता है कि मंदिर रामानंद संप्रदाय का है, शैव, शाक्त और संन्यासियों का नहीं। अयोध्या के नए मंदिर और नई मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि हफ्ते भर की है और 16 जनवरी से ही शुरू होगी जिसमें 22 को प्रधानमंत्री प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। राममंदिर आंदोलन को दुनिया भर के सारे हिंदुओं को एकजुट करने के अभियान के तौर पर चलाने और प्राण प्रतिष्ठा में सभी 125 संत परंपराओं के महात्माओं, सभी तेरह अखाड़ों और सभी षड-दर्शन के महापुरुषों-धर्माचार्यों को न्यौता देने के बाद यह कहने की ज़रूरत क्यों हुई, यह कोई भी समझ सकता है।