विदेशों से प्रायोजित आतंकवाद और आंतरिक हिंसा से निपटने में दुनिया की किसी भी फौज से ज्यादा अनुभव रखने वाली भारतीय सेना के प्रमुख मनोज पांडे ने पुंछ की घटनाओं के बाद जो जो फैसले किए हैं उनसे कश्मीरियों के जख्मों पर फाहा लगेगा और वहां की नाराजगी जल्दी शांत हो जाएगी, यह उम्मीद करनी चाहिए। खुद जाकर सारी चीजें देखना, जानना तो एक सामान्य ड्यूटी थी लेकिन पुंछ-रजौरी सेक्टर के प्रभारी ब्रिगेडियर कमांडर समेत दो अधिकारियों को जांच पूरी होने तक वहां से हटाना और नए अधिकारी की तैनाती ज्यादा बड़ी चीज है। जांच चल रही है और उम्मीद करनी चाहिए कि अधिकारियों और जवानों को भी अपना पक्ष रखने का उचित मौका देने के साथ, यह जल्दी ही दोषी लोगों को चिह्नित करने और सजा का सुझाव देने का काम भी पूरा करेगी। जाहिर तौर पर जांच के दायरे में इस सेक्टर में आतंकियों के हाथ सेना को होने वाले नुकसान का मुद्दा भी शामिल है। हम जानते हैं कि पहले एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
कश्मीर सिर्फ फौजी समस्या नहीं; राजनैतिक समाधान पर कितना जोर?
- विचार
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- 26 Dec, 2023

कश्मीर समस्या का क्या समाधान है? क्या सिर्फ़ सेना की ताक़त से शांति आ सकती है? या फिर राजनैतिक हल निकालने की भी ज़रूरत है?
आतंकियों द्वारा घात लगाकर किये गये हमले में चार जवानों की मौत के बाद सेना की जबाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए थे। पर बाकी की तलाश के लिए सेना ने जब पूछताछ के लिए कुछ लोगों को उठाया तो उनमें से तीन के मरने और बाकी के साथ भारी मारपीट का आरोप है। तीन लाशें मिलीं और जख्मी लोग भी सामने आए। उनका आरोप है कि ये मौतें सेना के दमन से हुईं और जख्म भी तभी लगे हैं। इसे लेकर घाटी एक बार फिर गरमाई थी। उम्मीद की जानी चाहिए कि सेना प्रमुख के फ़ैसलों के बाद शांति कायम होगी।