दूरदर्शन तबाही के कगार पर खड़ा है। कभी वह घर-घर की आवाज़ था, अब शायद कुछ ग्रामीण इलाकों या सरकारी कार्यालयों में चलता स्क्रीन मात्र। आज यह सरकारी गोदी मीडिया का भोंडा रूप बनकर रह गया है। अब ‘सुधीर चौधरी एक्सपेरिमेंट’ से इसका क्या हाल होने वाला है बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार ओंकारेश्वर पांडेयः
भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब में होली का विशेष स्थान था, जहाँ मुग़ल बादशाह भी रंगों में सराबोर होते थे। लेकिन आज माहौल बदल रहा है—मस्जिदों को ढंका जा रहा है। ऐसा क्यों? पढ़ें इतिहास और वर्तमान के बदलते रंग।
दिल्ली की पूर्व केजरीवाल सरकार के खिलाफ ₹2,002 करोड़ के कथित शराब घोटाले पर सीएजी की रिपोर्ट पर भाजपा खूब शोर मचा रही है। लेकिन यूपी में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण YEIDA में हुए ₹8,125.52 करोड़ के घोटाले की सीएजी की ही सनसनीखेज रिपोर्ट पर आश्चर्यजनक रूप से चुप है। वरिष्ठ पत्रकार ओंकारेश्वर पांडेय का विश्लेषणः
महाकुंभ प्रयागराज में पीएम मोदी के डुबकी लगाने के बाद इसकी चर्चा और बढ़ गई है। लेकिन जिस तरह से मोदी के इस स्नान को टीवी चैनलों ने पेश किया, उससे लग रहा था कि इससे पहले किसी और प्रधानमंत्री ने मानों यहां डुबकी न लगाई हो। वरिष्ठ पत्रकार ओंकारेश्वर पांडेय खंगाल रहे हैं कुंभ का इतिहासः
मणिपुर की महिलाओं का संगठन मेईरा पैबीस हुंकार क्यों भर रहा है और सत्ता के खिलाफ विद्रोह कर रहा है? हिंदुओं के मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाने वालों की मणिपुर पर चुप्पी क्यों?
वेब सीरीज ‘गंदी बात’ के एक एपिसोड में नाबालिग लड़कियों के संदर्भ में एडल्ट सीन दिखाने को लेकर POCSO (Protection of Children from Sexual Offenses) एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद एकता कपूर को लेकर फिर से चर्चाएं तेज हो गई हैं।
अमित शाह के निर्देशों पर आहूत दिल्ली बैठक मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष को लेकर समाधान की दिशा में उठाया गया कदम था या फिर सत्ता बचाने की एक राजनीतिक कवायद?
भारत के बड़े उद्योगपतियों में शुमार रतन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया। उनका अंतिम सरकार राजकीय सम्मान के साथ गुरुवार 10 अक्टूबर को किया जा रहा है। भारत सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। महाराष्ट्र सरकार ने एक दिन का शोक घोषित किया है। रतन टाटा को तरह-तरह से लोग याद कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार ओंकारेश्वर पांडेय ने रतन टाटा के व्यक्तित्व पर कुछ रोशनी डाली है। पढ़ियेः
मणिपुर के साथ सुरक्षा के स्तर पर खिलवाड़ किया जा रहा है। म्यांमार से घुसपैठ की घटना को तूल दिया गया और अब उस पर विरोधाभासी जानकारी सामने आ रही है। वरिष्ठ पत्रकार ओंकारेश्वर पांडेय की मणिपुर के ताजा घटनाक्रम पर रिपोर्टः
बीके सिन्हा जी चले गये। पटना की गहन शांति में, प्रेम और संगीत से सजी एक जीवनगाथा आज थम गई। ब्रज किशोर सिन्हा को हमलोग आदर से, स्नेह से बीके सिन्हा जी ही कहा करते थे। अब वे इस नश्वर दुनिया से विदा ले चुके हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के कद्दावर महासचिव सीताराम येचुरी को किस रूप में याद किया जाएगा? जानिए, उनका देश की राजनीति में क्या योगदान रहा।
मणिपुर सरकार ने ड्रोन हमलों, बढ़ती हिंसा और अशांति के बीच 7 सितंबर को राज्य भर के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। तो यह स्थिति आख़िर कैसे बनी? जानिए, इसमें मीडिया की भूमिका क्या है।
पहले तो बिन बुलावे नवाज शरीफ के घर जाकर बिरयानी-झप्पी, फिर मल्लपुरम में चीन से ऐसी गलबहियां कि सखियां भी शर्मा जाएं, और अब रूस-यूक्रेन के साथ दिखावे की पप्पियां – झप्पियां, भारत को नुकसान ज्यादा और लाभ कम दे रही हैं।