रतन टाटा: सफल नेतृत्व का प्रतीक
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई के एक प्रतिष्ठित टाटा परिवार में हुआ था। वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने भारतीय उद्योग जगत की दिशा को ही बदल दिया। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने न केवल भारत में, बल्कि विश्वभर में अपने पैर पसारे। रतन टाटा ने हमेशा कहा, "मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता, मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं।" यह विचारधारा उनके हर कदम में झलकी, जहां उन्होंने केवल व्यवसायिक लाभ पर नहीं, बल्कि समाज के उत्थान और प्रगति पर भी ध्यान दिया। उन्होंने अपनी कंपनी को केवल एक व्यापारिक साम्राज्य नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्थान के साधन के रूप में विकसित किया।एक सच्चे मानवतावादी
रतन टाटा की सबसे बड़ी पहचान एक मानवतावादी के रूप में थी। उन्होंने अपने जीवन के हर पड़ाव पर लोगों के कल्याण के लिए काम किया। 2008 के मुंबई के 26/11 आतंकी हमलों के समय, जब ताज होटल को निशाना बनाया गया था, उन्होंने अपने कर्मचारियों और पीड़ितों की मदद के लिए अपनी सभी सुविधाएं खोल दीं। इस दौरान उन्होंने न केवल वित्तीय सहायता दी, बल्कि व्यक्तिगत रूप से पीड़ितों के दुख में शरीक हुए। यह उनकी संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण का अद्वितीय उदाहरण था।बदलते समय के साथ आगे बढ़ने की क्षमताः रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा समूह ने कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जैसे कि जगुआर लैंड रोवर और कोरस स्टील, जो भारतीय उद्योग जगत के लिए मील का पत्थर साबित हुए। इन अधिग्रहणों ने यह साबित किया कि भारतीय कंपनियां भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ी हो सकती हैं और विश्वस्तरीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं।
श्रद्धांजलि और सम्मान के संदेश
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा: "आज का दिन भारत और भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बहुत ही दुखद दिन है। रतन टाटा का जाना केवल टाटा समूह ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए एक बड़ी क्षति है। वे मेरे लिए एक दोस्त और मार्गदर्शक थे, जिनके साथ बिताए हर पल ने मुझे प्रेरित और उत्साहित किया।"मुकेश अंबानी के अलावा अडानी समूह के गौतम अडानी, गूगल के सुंदर पिचाई, कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक और निदेशक उदय कोटक सहित साथी बिजनेस टाइकून ने भी अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए एक्स का सहारा लिया। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने एक्स पर लिखा, "भारत ने एक दिग्गज, एक दूरदर्शी व्यक्ति को खो दिया है जिसने आधुनिक भारत के पथ को फिर से परिभाषित किया।"
आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा जाता है कि बिड़ला और टाटा परिवार करीबी थे। कुमार मंगलम बिड़ला ने लिखा- “रतन टाटा प्रतिष्ठित टाटा समूह के सर्वोत्तम आदर्शों के प्रतीक हैं। अपने करियर और कार्यों के माध्यम से, उन्होंने निर्विवाद रूप से प्रदर्शित किया कि व्यवसाय, अपने सर्वोत्तम रूप में, आर्थिक मजबूती का माध्यम और सामाजिक प्रगति के लिए उत्प्रेरक दोनों है। उनके फैसलों ने वित्तीय मैट्रिक्स से परे जीवन और उद्योगों को प्रभावित किया है।”
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी इस खबर के बाद अपना दुख व्यक्त करने के लिए एक्स पर लिखा- "मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार करने में असमर्थ हूं। भारत की अर्थव्यवस्था एक ऐतिहासिक छलांग के शिखर पर खड़ी है। हमारे इस शिखर पर बने रहने में रतन के जीवन और काम का बहुत योगदान है।''
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