दूसरे दलों को परिवारवादी कहकर कोसने वाली भाजपा ने झारखंड विधानसभा चुनावों में खुलकर परिवारवाद और भाई-भतीजावाद के तहत टिकट दिया है। साथ ही राज्य में किसी भी तरह चुनाव जीतने के लिए पार्टी ने अपने समर्पित नेताओं की जगह दलबदलुओं पर भी खूब भरोसा जताया है। इसका खुलासा झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की जारी पहली सूची से हो गया। और सूची जारी होते ही बगावत और असंतोष के स्वर भी सामने आने लगे।
उधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस चुनाव में इंडिया गठबंधन के साथ सीट शेयरिंग फॉर्मूले की घोषणा कर दी, जिसके तहत राज्य की 81 विधानसभा सीटों में से 70 पर जेएमएम और कांग्रेस चुनाव लड़ेगी, जबकि 11 सीटें गठबंधन के अन्य सहयोगियों को दी जाएंगी। साफ है कि झारखंड में सियासी लड़ाई इंडिया और एनडीए के बीच होगी।
पहला झटका मेनका सरदार ने दिया
भाजपा ने शनिवार को जैसे ही 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 68 में से 66 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, तो एक बड़ा धमाका हुआ। लिस्ट जारी होते ही पोटका विधानसभा सीट से 3 बार भाजपा की विधायक रहीं मेनका सरदार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा अन्य विधानसभा क्षेत्रों से भी असंतोष की ख़बरें आयीं।
भाजपा की सूची में 2 पूर्व मुख्यमंत्री और 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों की पत्नियों समेत 12 महिलाओं के नाम हैं। पार्टी ने चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन, अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा, मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की बहू पूर्णिमा साहू को मैदान में उतार कर साफ कर दिया कि उसे खुल्लमखुल्ला परिवारवाद करने से कोई परहेज नहीं है।
भाजपा की सूची में जिन प्रमुख उम्मीदवारों के नाम हैं, उनमें बाबू लाल मरांडी, चंपाई सोरेन, सुदर्शन भगत शामिल हैं।
चंपाई सोरेन को सरायकेला से टिकट
भाजपा की पहली सूची में झामुमो के प्रमुख नेता रहे चंपाई सोरेन को सरायकेला विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। माना जा रहा है कि भाजपा ने यह क़दम उनके राजनीतिक क़द को बढ़ाने और उन्हें मज़बूत प्रत्याशी के रूप में उभारने के लिए उठाया है।
कल्पना सोरेन के खिलाफ मुनिया देवी
भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के खिलाफ गांडेय से मुनिया देवी को उम्मीदवार बनाया है। हेमंत सोरेन पिछली बार 2 विधानसभा सीटों बरहेट और दुमका से चुनाव लड़े और दोनों पर जीते भी थे। बाद में हेमंत सोरेन ने दुमका सीट से इस्तीफा दे दिया था।
हेमंत के इस्तीफे के बाद एसटी के लिए आरक्षित दुमका सीट से उनके छोटे भाई बसंत सोरेन चुनाव लड़े। हेमंत सोरेन ने रघुवर दास की सरकार में मंत्री रहीं डॉ. लोइस मरांडी को पराजित किया था। उपचुनाव में बसंत सोरेन ने फिर भाजपा की डॉ. लोइस को हराया।
झामुमो का अभेद्य किला बरहेट
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित संथाल परगना की बरहेट विधानसभा सीट झामुमो का अभेद्य किला है। यहां झामुमो करीब 4 दशक से अजेय है। इस सीट पर मतदान दूसरे चरण में 20 नवंबर को होगा। लेकिन हेमंत सोरेन की सीट बरहेट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा ने किसी समझौते के तहत हेमंत सोरेन को इस सीट पर वाकओवर दे दिया है?
भाजपा ने दिये दलबदलुओं को टिकट
भाजपा की सूची में 13 दलबदलुओं को टिकट दिया गया है, जो पार्टी में असंतोष का कारण बन गया है। दरअसल पार्टी ने उन दलबदलुओं को टिकट दिया है, जो पार्टी में पिछले महज 5 सालों के भीतर आये हैं।
बाबूलाल मरांडी- भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने 5 साल पहले ही अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का बीजेपी में विलय किया था। मरांडी को पार्टी ने धनवार सीट से उतारा है।
चंपई सोरेन- पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को सरायकेला से उम्मीदवार बनाया गया है। झामुमो के कद्दावर नेता रहे चंपाई तब मुख्यमंत्री बने थे, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देकर जेल जाना पड़ा था। हेमंत के आने के बाद चंपाई ने कुर्सी तो छोड़ दी, साथ ही पार्टी भी छोड़कर भाजपा में चले गये।
बाबूलाल सोरेन- भाजपा ने चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से उम्मीदवार बनाया है। बाबूलाल भी अपने पिता के साथ झामुमो में थे।
गीता कोड़ा- कांग्रेस की पूर्व सांसद गीता कोड़ा को बीजेपी ने जगन्नाथपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता पूर्वी सिंहभूम से इस बार चुनाव हार चुकी हैं।
लोबिन हेम्ब्रम- झामुमो के पूर्व विधायक लोबिन 2 महीने पहले भाजपा में आये। लोबिन को भाजपा ने झामुमो के गढ़ माने जाने वाले बोरियो से टिकट दिया है।
परितोष सोरेन- बाबूलाल मरांडी के करीबी माने जाने वाले परितोष सोरेन को भाजपा ने शिकारीपाड़ा सीट से उम्मीदवार बनाया है। भाजपा में आने से पहले परितोष झारखंड विकास मोर्चा में थे।
सीता सोरेन- भाजपा ने जामताड़ा सीट से झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया है। सीता सोरेन दुमका से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं।
अमित यादव- 2019 में निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे अमित यादव ने चुनाव से पहले भाजपा का दामन थामा था। उन्हें बरकट्ठा से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।
मनोज यादव- बरही से भाजपा ने कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे मनोज यादव को उम्मीदवार बनाया है। मनोज बरही से पहले भी विधायक रह चुके हैं।
रौशन लाल चौधरी- रौशन लाल चौधरी को भाजपा ने बरकागांव से उम्मीदवार बनाया है। वे पहले आजसू में थे। आजसू पहले यही सीट रौशन लाल के लिए मांग रही थी, लेकिन भाजपा ने उसके उम्मीदवार को ही झटक लिया।
देवेंद्र कुंवर- जरमुण्डी सीट से भाजपा ने देवेंद्र कुंवर को अपना उम्मीदवार बनाया है। झामुमो से राजनीति शुरू करने वाले कुंवर इस सीट के कांग्रेस में जाने से नाराज होकर बीजेपी में चले गए थे।
मंजू देवी- जामुआ से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक का टिकट काट कर कांग्रेस से आई मंजू देवी को दे दिया है।
कमलेश कुमार सिंह- एनसीपी से हाल ही में भाजपा में आए कमलेश सिंह को पार्टी ने हुसैनाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया है।
पहला धमाका मेनका सरदार ने किया
लेकिन टिकट बँटवारे के बाद सबसे पहला धमाका मेनका सरदार ने किया। तीन बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुकी मेनका ने मीरा मुंडा को पोटका विधानसभा से उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा के तुरंत बाद पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को इस्तीफा भेजकर मेनका ने फ़ेसबुक पर लिखा कि जल्द ही भविष्य की राजनीति के बारे में अपने फ़ैसले को साझा करूंगी। मेनका सरदार ने पोटका विधानसभा सीट पर वर्ष 2000, 2009 एवं 2014 चुनाव जीता था।
अर्जुन मुंडा की पत्नी हैं डॉ. मीरा मुंडा
पोटका से टिकट पाने वाली डॉ. मीरा मुंडा झारखंड के बड़े नेता और प्रदेश के 3 बार के मुख्यमंत्री व एक बार केंद्र में मंत्री रहे अर्जुन मुंडा की पत्नी हैं। कोल्हान विश्वविद्यालय से पीएचडी डॉ. मीरा मुंडा विगत 30 वर्षों से सामाजिक कार्यों के साथ राजनीति में भी सक्रिय और 1999 से भाजपा की सदस्य हैं। अर्जुन मुंडा पिछला लोकसभा चुनाव हार गये थे।
मीरा मुंडा को भाजपा ने टिकट दिया तो अर्जुन मुंडा ने पार्टी का आभार जताया और कहा कि भाजपा इस बार रोटी, बेटी और माटी पर वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी के हमले से प्रदेश की जनता को निजात दिलाने के लिए संघर्ष कर रही है।
प्रमुख उम्मीदवार
भाजपा की सूची में कई प्रमुख नेता और महिलाएं शामिल हैं। इनमें से कुछ के नाम इस प्रकार हैं:
- सीता सोरेन: जामताड़ा से
- नीरा यादव: कोडरमा से
- मुनिया देवी: गांडेय से
- तारा देवी: सिंदरी से
- अपर्णा सेनगुप्ता: निरसा से
- रागिनी सिंह: झरिया से
- गीता बलमुचू: चाईबासा से
- पुष्पा देवी भुइयां: छतरपुर से
एनडीए का फॉर्मूला
एनडीए गठबंधन के अंतर्गत सीटों के बंटवारे की जो घोषणा हुई है, उसमें भाजपा 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि उसके सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) को 10 सीटें तथा जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को क्रमशः 2 और 1 सीट दी गई हैं।
इंडिया गठबंधन
उधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इंडिया गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान करते हुए कहा कि 70 सीटों पर झामुमो और कांग्रेस उम्मीदवार लड़ेंगे और 11 सीट गठबंधन के दूसरे दलों को दिया जाएगा। सोरेन ने कहा कि लेफ्ट पार्टी भी गठबंधन में शामिल हो रही है।
सोरेन के ऐलान को आरजेडी ने झामुमो-कांग्रेस का एकतरफा फैसला बताया। आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने कहा कि आरजेडी ने झारखंड विधानसभा की 15 से 18 सीटों की पहचान की है। जहां वह अकेले बीजेपी को हरा सकती है। हालांकि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि गठबंधन में सब ठीक चल रहा है।
राज्य की 81 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण के लिए 13 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव के नतीजे महाराष्ट्र के साथ 23 नवंबर को सामने आएंगे।
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