भाजपा ने झारखंड में कथित बंग्लादेशी घुसपैठ को चुनावी मुद्दा बनाना चाहा। दिन-रात हिन्दू मुस्लिम जिहाद का राग अलापने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक से बढ़कर एक विवादित भाषण दिए, लेकिन झारखंड की आदिवासी बेल्ट पर उसका कोई असर नहीं दिख रहा। उल्टा लोग सवाल कर रहे हैं। अब इसी सवाल को लीजिए- चंपई सोरेन छह बार के विधायक हैं, वह झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार में मंत्री थे। उन्हें तथाकथित घुसपैठ तब क्यों नहीं दिखी? लेकिन जब दिल्ली से उनका चश्मा बनकर आया तो उनको घुसपैठिया नज़र आ गया।
ग्राउंड रिपोर्टः झारखंड में 'लव' और 'जमीन जिहाद' का कोई असर नहीं
- झारखंड
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- 29 Mar, 2025
झारखंड में 81 विधानसभा सीटें हैं। पहले चरण के वोट 13 नवंबर को और अंतिम चरण के वोट 20 नवंबर को डाले जाएंगे। पीएम मोदी और अमित शाह यहां कई रैलियां कर चुके हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और केंद्रीय शिवराज सिंह चौहान कई महीने से राज्य के इंचार्ज बनकर बैठे हुए हैं। भाजपा ने पूरी ताकत से यहां घुसपैठियों का मुद्दा उठाया। उन्हें लव जिहाद और लैंड जिहाद का डर दिखाया लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की ग्राउंड रिपोर्ट कह रही है कि इन मुद्दों का झारखंड के आदिवासी बेल्ट में कोई प्रभाव नहीं है। पूरी रिपोर्ट पढ़िएः
