झारखंड में इंडिया गठबंधन ने रुझानों में बहुमत पा लिया है। इस साल की शुरुआत में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद निराश हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का शानदार प्रदर्शन रहा। एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों को धता बताते हुए सोरेन का जेएमएम तीसरी बार सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल वाले इंडिया ब्लॉक ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा है। जेएमएम ने जहाँ मंईयां योजना को अपना हथियार बनाया वहीं बीजेपी ने अपना पूरा ध्यान 'बांग्लादेशी घुसपैठिए' मुद्दे पर रखा।
बीजेपी पूरे चुनाव में घुसपैठिये और संथालपरगना में डेमोग्राफी बदलने के मुद्दे को आदिवासियों की अस्मिता से जोड़कर उन्हें उद्वेलित करने की मुहिम में जुटी रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सभी केंद्रीय नेता इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ दलों पर जमकर निशाने साधते रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने तो जैसे इस मुद्दे के अलावा किसी मुद्दे की बात ही नहीं की!
दूसरी तरफ इंडिया ब्लॉक ने जनगणना में आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू करने, पेसा कानून, जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा, अबुआ सरकार (अपनी सरकार), ओबीसी, एसटी, एससी के आरक्षण बढ़ाने को धार देने की कोशिशें की। सत्तारूढ़ दलों ने कोयला कंपनियों पर राज्य सरकार का एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए के बकाये के मामले को भी प्रमुखता से उछाला। इसके साथ ही घुसपैठिये के मुद्दे को लेकर जेएमएम के नेता लगातार बीजेपी पर सत्ता हासिल करने के लिए समाज को बांटने और नफरत फैलाने के आरोप लगाते रहे हैं।
मंईयां सम्मान योजना का असर!
हेमंत सोरेन ने महिलाओं को लेकर बड़ा फैसला किया था। सोरेन सरकार ने चुनाव से पहले मंईयां सम्मान योजना में राशि बढ़ाने की घोषणा की। इस योजना में महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की राशि मिलती थी, जिसे बढ़ाकर 2500 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया।
मंईयां योजना के तहत अभी 18 से 50 वर्ष की करीब 50 लाख महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है। दिसंबर महीने से उन्हें बढ़ी हुई राशि का लाभ दिया जाएगा। इस प्रकार उन्हें सालाना 12 हजार रुपए के बदले 30 हजार दिए जाएंगे।
झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है। 13 नवंबर को पहले चरण में 43 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ था, जबकि दूसरे चरण में एक सप्ताह बाद 38 सीटों पर मतदान हुआ।
बता दें कि एग्जिट पोल ने अलग-अलग पूर्वानुमानों के साथ कांटे के मुकाबले का इशारा किया था। दैनिक भास्कर के एग्ज़िट पोल के अनुसार एनडीए को 37-40, इंडिया गठबंधन को 36-39 और अन्य को 0-2 सीटें मिलने के आसार बताए गए। मैटराइज के एग्ज़िट पोल के अनुसार एनडीए को 42-47 सीटें और इंडिया गठबंधन को 25-30 सीटें मिलने के आसार बताए गए।
इलेक्टोरल एज के एग्ज़िट पोल में कहा गया था कि एनडीए को 32 सीटें मिल सकती हैं जबकि इंडिया गठबंधन को 42 सीटें मिलने की संभावना जताई गई। सर्वे में अन्य को 7 सीटें मिलने की संभावना जताई गई।
एक्सिस माय इंडिया के एग्ज़िट पोल के अनुसार एनडीए को 17-27 सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी जबकि इंडिया गठबंधन को 49-59 सीटें मिलने के आसार बताए गए। अन्य को 1-6 सीटें मिलने की बात कही गई।
पीपुल्स पल्स के एग्ज़िट पोल में भी एनडीए को बढ़ने मिलने के आसार बताए गए। इसके अनुसार एनडीए को 44-53 सीटें और इंडिया को 25-37 सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में 5-9 सीटें जा सकती हैं।
पी-एमएआरक्यू के एग्ज़िट पोल के अनुसार झारखंड में एनडीए को 31-40 सीटें, इंडिया गठबंधन को 37-47 सीटें और अन्य को 1-6 सीटें मिलने की संभावना जताई गई।
अधिकतर एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़त दिए जाने के बावजूद जेएमएम को हेमंत सोरेन के नेतृत्व में दो-तिहाई बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाने का भरोसा था। जेएमएम ने दावा किया था कि भाजपा को राज्य के 24 जिलों में से 11 में भी अपनी छाप छोड़ने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
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