झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो हेमंत सोरेन ने गुरुवार को चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस अवसर पर विपक्षी एकता का शानदार प्रदर्शन हुआ। इसमें इंडिया गठबंधन के क़रीब-क़रीब सभी बड़े नेता शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव तक।
शपथ ग्रहण समारोह रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित किया गया। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शपथ ग्रहण समारोह का संचालन किया। समारोह में इस महीने की शुरुआत में राज्य विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जेएमएम नेता हेमंत सोरेन ने झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक ने एकता के प्रदर्शन के रूप में इस समारोह में भाग लिया।
अबुआ सरकार का शपथ ग्रहण समारोह…
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 28, 2024
जय झारखण्ड!
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेता रांची में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद रहे। हाल ही में संपन्न 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 56 सीटें जीतीं। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 24 सीटें मिलीं।
इस साल की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में इंडिया ब्लॉक के लिए शानदार वापसी की। एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों को धता बताते हुए सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांग्रेस, राजद और सीपीआई-एमएल के साथ गठबंधन करके 81 विधानसभा सीटों में से 56 सीटें हासिल कीं।
हेमंत सोरेन ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बरहेट सीट बरकरार रखी और भाजपा के गमलील हेम्ब्रोम को 39791 मतों के अंतर से हराया। भाजपा ने अपना चुनाव अभियान 'घुसपैठए' और माटी, बेटी, रोटी के दोहरे मुद्दों पर चलाया था।
राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन इस बात पर फ़ैसला करेंगे कि उनकी नई सरकार में इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों में से किसे कौन सा विभाग मिलेगा। प्रत्येक सहयोगी के लिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक चार विधायकों के लिए एक पद के फॉर्मूले के आधार पर कैबिनेट बर्थ आवंटित किए जाने की संभावना है।
संवैधानिक दिशा-निर्देशों के अनुसार, झारखंड में कुल मंत्री पदों की संख्या 12 से अधिक नहीं हो सकती। इस व्यवस्था से कांग्रेस को 4 पद, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को 1 और दो विधायकों वाले वामपंथी दलों को एक पद मिलने की संभावना है।
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