loader

झारखंडः चुनाव आयोग के आदेश पर भाजपा ने जहरीला वीडियो हटाया

सोशल मीडिया पर भाजपा द्वारा जारी एक वीडियो के खिलाफ शिकायत की। कुछ घंटों बाद चुनाव आयोग ने रविवार शाम कहा कि वीडियो पहली नजर में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। "मौजूदा कानूनों और प्रक्रियाओं के अनुसार तत्काल कार्रवाई" का निर्देश दिया गया है। इस वीडियो में भाजपा ने अपने प्रिय एजेंडे हिन्दू-मुस्लिम खाई को बढ़ाने के नैरेटिव का इस्तेमाल किया था।

चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रवि कुमार को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को "संदर्भित पोस्ट को तुरंत हटाने" के निर्देश जारी करने और राज्य भाजपा इकाई से "स्पष्टीकरण" मांगने का भी निर्देश दिया। इसके बाद, राज्य भाजपा ने वह वीडियो हटा दिया। भाजपा ने शनिवार रात को उस वीडियो को पोस्ट किया था।

ताजा ख़बरें

राज्य भाजपा द्वारा शनिवार रात वीडियो पोस्ट करने के एक घंटे बाद, झामुमो के आधिकारिक एक्स हैंडल ने चुनाव आयोग को टैग किया और लिखा: “क्या अब देश में इसी तरह चुनाव होंगे? आप देश को हिंदू और मुस्लिम के नाम पर कितना गिरने देंगे? अब तो कुछ शर्म करो और जाग जाओ। कुछ साहस दिखाओ। आज भाजपा ने बेशर्मी और अश्लीलता की सारी हदें पार कर दी हैं।”

अब डिलीट कर दिये गये वीडियो में भाजपा ने दिखाया था कि मुस्लिम पुरुष, महिलाओं और बच्चों की एक बड़ी भीड़ एक झामुमो समर्थक के आवास में प्रवेश करते और जबरदस्ती वहां कब्जा कर लेते हैं। वीडियो के साथ एक पोस्ट में कहा गया है: “ध्यान से देखिए कि एक गलत वोट कितनी बड़ी गलती बन सकता है। इसलिए इस बार 2019 जैसी गलती मत करना। सही चीज चुनो, बीजेपी चुनो।”
इस चुनाव में भाजपा ने झारखंड में बांग्लादेश से घुसपैठ और अवैध निवासियों को एक प्रमुख अभियान विषय के रूप में पेश किया है। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं ने अपनी रैलियों में इस मुद्दे को उठाया है।

भाजपा के वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा: “मुखौटा हटा दिया गया है। भाजपा खुलेआम नफरत और भय फैलाने की राजनीति पर देश का भविष्य बर्बाद कर रही है और चुनाव आयोग दुर्भाग्य से असहाय और मूकदर्शक बन गया है। अब यह स्पष्ट है कि भाजपा के पास शून्य बौद्धिक पूंजी है और उसके पास वास्तविक मुद्दे खत्म हो गए हैं।''

इस वीडियो को लेकर कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने दिल्ली में चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें वीडियो को हटाने और एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई। चुनाव आयोग को दिए गए अपने ज्ञापन में, कांग्रेस ने कहा, “भाजपा द्वारा अपलोड किए गए वीडियो का कंटेंट वोट के लिए कॉल/अपील के रूप में सीधे धार्मिक पहचान का आह्वान करती है। यह आदर्श आचार संहिता और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों का पूर्ण उल्लंघन है।”
हालांकि झामुमो और कांग्रेस की शिकायत के बाद भाजपा इस जिद पर अड़ रही और उसने बयान दिया कि वीडियो महज झामुमो-कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है। 2 जून, 2023 को, झारखंड पुलिस की विशेष शाखा ने सभी जिला आयुक्तों को एक पत्र जारी किया, जिसमें मदरसों के माध्यम से झारखंड में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रति आगाह किया गया। हालाँकि, एक साल बाद, हेमंत सरकार ने ऐसी किसी भी घुसपैठ से इनकार कर दिया।”
भाजपा प्रवक्ता अजय शाह ने कहा- “इन घटनाओं के साथ-साथ कांग्रेस के राज्य प्रभारी के एक बयान में घुसपैठियों को मुफ्त सिलेंडर देने का खुलेआम वादा और मदरसों को बढ़ावा देने की कांग्रेस की प्रतिज्ञा से पता चलता है कि झामुमो-कांग्रेस गठबंधन अपने वोट बैंक का विस्तार करने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।”
झारखंड से और खबरें

रविवार शाम को, चुनाव आयोग के प्रधान सचिव, अरविंद आनंद ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुमार को पत्र में लिखा: “शिकायत पर गौर करने पर, ऐसा लगता है कि उपरोक्त संदर्भित सोशल मीडिया पोस्ट पहली नजर में एमसीसी का उल्लंघन है। इसलिए मौजूदा कानूनों और प्रक्रियाओं के अनुसार तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है।” झारखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी को झारखंड भाजपा को एक नोटिस देने का भी निर्देश दिया गया, ताकि वह सोशल मीडिया पोस्ट के कारण पार्टी द्वारा एमसीसी के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के बारे में स्पष्टीकरण दे सकें। एफआईआर दर्ज होने के बाद भाजपा ने चुपचाप उस वीडियो को हटा दिया।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

झारखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें