वे जो बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित हमलों पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उन्हें मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से जारी हिंसा और वहां के लोगों की दुर्दशा पर शर्म आनी चाहिए। मणिपुर केवल सिसक नहीं रहा है, बल्कि दहाड़ें मार कर रो रहा है। वहां की महिलाएं विधायकों के घरों पर जाकर छाती पीट-पीट कर चीख रही हैं। इंफाल से आए दिल दहला देने वाले वीडियो इसकी गवाही दे रहे हैं। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
मणिपुर: सिसकती घाटी, उबलता ग़ुस्सा
- राज्य
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- 17 Nov, 2024

मणिपुर की महिलाओं का संगठन मेईरा पैबीस हुंकार क्यों भर रहा है और सत्ता के खिलाफ विद्रोह कर रहा है? हिंदुओं के मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाने वालों की मणिपुर पर चुप्पी क्यों?
कई लोगों को उम्मीद थी कि शायद तीसरे कार्यकाल में, बैसाखियों पर चल रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार, संघ प्रमुख मोहन भागवत की झिड़कियों को सुनकर ही सही, मणिपुर के हालात सुधारने की कोई ठोस पहल करेगी। लेकिन सरकार ने हालात इस कदर बिगाड़ दिए हैं कि उसे खुद ही संभालना मुश्किल हो रहा है।