अमेरिका में अडानी के खिलाफ जारी गंभीर मामलों के बीच डोनाल्ड ट्रंप के हालिया ट्वीट ने मोदी-ट्रंप को दोस्त मानने वाले समर्थकों को हिला दिया है। खासकर तब जब अमेरिका मोदी के खासमखास अडानी के अलावा खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले की जांच भी कर रहा है। ब्रिक्स पर ट्रंप के ताजा बयानों का निहितार्थ क्या है। अगर आज ट्रंप का यह रूख है तो शपथ लेने के बाद क्या होगा। क्या इसका अर्थ यह भी है कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका संबंधों की नयी पटकथा लिखी जाएगी। आइये इस ताजा घटनाक्रम को नये संदर्भों में एक नयी निगाह से देखते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मैत्री संबंध छुपे नहीं हैं। अमेरिका में उनकी दूसरी जीत पर भारत में उनके समर्थकों ने भी खुशी मनायी। लेकिन ट्रंप के धमकी भरे ताजा ट्वीट ने पूरी दुनिया समेत भारत में भी मोदी समर्थकों को हिला दिया है। ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए कड़ी चेतावनी दी है। अपने ट्वीट में ट्रंप ने कहा है कि, "ब्रिक्स देश अमेरिका के खिलाफ हैं। हमें इन्हें सबक सिखाना होगा। अगर ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का उपयोग करेंगे, तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और अमेरिकी बाजार से बाहर कर दिया जाएगा।”

ट्रंप का ब्रिक्स पर हमला

ट्रम्प की चेतावनी साफ है कि "BRICS देश डॉलर से दूर जाने और एक नयी करेंसी बनाने की कोशिश करें, और हम इसे देखते रहें, यह अब नहीं होगा। हम इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहते हैं कि वे न तो कोई नई BRICS मुद्रा बनाएंगे और न ही किसी अन्य मुद्रा को अमेरिकी डॉलर की जगह देंगे।"
दुनिया की तीन बड़ी ताकतों भारत, चीन और रूस समेत समूचे BRICS समूह को सीधी चुनौती देने वाली ट्रंप की चेतावनी से साफ है कि अमेरिका अब अपनी आर्थिक ताकत बचाने के लिए आक्रामक नीतियां अपनाएगा। यदि BRICS देशों ने अमेरिकी डॉलर की जगह कोई नई मुद्रा चलाने की कोशिश की, तो उन्हें अमेरिकी बाजार से हाथ धोना पड़ेगा।