केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहल पर मणिपुर के 17 माह पुराने जातीय संघर्ष को सुलझाने के लिए बुलायी गयी पहली दिल्ली बैठक ने आशा तो कम ही जगायी, विश्वास की कमी और बीजेपी सरकार के पक्षपात और सुरक्षा देने में विफलता और नाकारेपन पर ज्यादा सवाल उठाये। सबसे ज्यादा सवाल राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की शासन शैली को लेकर उठे। बैठक में आए मैतेई, कुकी और नगा समुदायों के प्रतिनिधियों में खासकर कूकी समुदाय के लोगों ने सीधे सवाल किये कि जब सरकार एक समुदाय के साथ खड़ी है, तो दूसरे समुदायों को सुरक्षा और न्याय कैसे मिलेगा। सूत्रों की मानें तो बैठक में कूकी समुदाय के विधायकों ने मुख्यमंत्री की बर्खास्तगी और अलग प्रशासन की मांग पर जोर दिया।
मणिपुर पर बैठकः मैतेई-कूकी विवाद हल करने की पहल या सत्ता बचाने की कोशिश?
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- 16 Oct, 2024

अमित शाह के निर्देशों पर आहूत दिल्ली बैठक मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष को लेकर समाधान की दिशा में उठाया गया कदम था या फिर सत्ता बचाने की एक राजनीतिक कवायद?