केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक और नेता बलात्कार के गंभीर आरोपों में जेल भेजे गये हैं। मामला कर्नाटक का है। जी हां, उसी कर्नाटक का, जहां भाजपा की सहयोगी पार्टी जेडीएस के नेता एचडी रेवन्ना और उनके बेटे और प्रज्ज्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल में आरोपी हैं। दोनों पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे और पोते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान एचडी रेवन्ना और प्रज्ज्वल रेवन्ना पर कथित तौर पर यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल के आरोप लगे। इस संबंध में भारी तादाद में वीडियो सोशल मीडिया पर आये थे। इस मामले की SIT विशेष जांच अभी जारी है। मतदान के बाद प्रज्ज्वल रेवन्ना विदेश फरार हो गए थे।
अब भाजपा के आरआर नगर क्षेत्र के विधायक मुनिरत्न नायडू के खिलाफ एक 40 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया है कि विधायक ने उनके साथ 2020 से 2023 के बीच कई बार बलात्कार किया, जिनमें से कुछ घटनाएं कर्नाटक विधानसभा भवन (विधान सौधा) और राज्य सरकार द्वारा दिए गए वाहन में हुईं। पीड़िता का आरोप है कि मुनिरत्न ने उन्हें धमकाया कि यदि उन्होंने इन घटनाओं का खुलासा किया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस मामले में कर्नाटक पुलिस (SIT) ने मुनिरत्न पर मामला दर्ज कर उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में परप्पना अग्रहरा सेंट्रल जेल भेज दिया है।
कभी बासवराज बोम्मई सरकार में बागवानी मंत्री रहे मुनिरत्न, अब कर्नाटक में एक बड़े विवाद का केंद्र बन गए हैं। मुनिरत्न पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों ने न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा की साख को कमजोर कर दिया है। पार्टी विद डिफरेंस का नारा देने वाली भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मुनिरत्न के साथ करीबी संबंध, इस मामले को और जटिल बना रहा है।
सवाल उठ रहे हैं कि मुनिरत्न नायडू को भाजपा में किसने ज्वाइन कराया था? मुनिरत्न का भाजपा में तेजी से उभरना क्या भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री मोदी के संरक्षण के बगैर संभव था? भाजपा के शीर्ष नेता, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुनिरत्न के लिए 2023 में प्रचार भी किया था। अपराध जगत के रास्ते कर्नाटक के फिल्म निर्माता और फिर राजनेता बने मुनिरत्न पर लगे आरोपों और गिरफ्तारी के बावजूद भाजपा नेता खामोश हैं। क्या इससे साफ नहीं हो जाता कि भाजपा ऐसे नेताओं को अब भी पार्टी में जगह दे रही है, जिन पर महिलाओं के शोषण, बलात्कार और अत्याचार के गंभीर आपराधिक आरोप हैं?
अतीत और विवादों का सफरः एक समय में बेंगलुरु के कुख्यात गैंगस्टर कोटवाल रामचंद्र के करीबी और खुद 'राउडी-शीटर' के रूप में कुख्यात रहे मुनिरत्न नायडू का नाम राजनीति में प्रवेश से पहले, अंडरवर्ल्ड के साथ जोड़ा जाता था। मुनिरत्न ने बाद में ठेकेदारी और फिल्म निर्माण व्यवसाय में कदम रखा, और 2010 में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) चुनाव जीतकर पहली बार राजनीति में आए। मुनिरत्न का राजनीतिक करियर कांग्रेस में शुरू हुआ था। उन्होंने 2013 में कांग्रेस के टिकट पर राजराजेश्वरी नगर से विधानसभा चुनाव जीता। लेकिन धीरे-धीरे वह भाजपा की तरफ झुकने लगे। 2019 में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद, मुनिरत्न भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा सरकार में मंत्री बने।
मुनिरत्न का भाजपा और मोदी के साथ संबंध
भाजपा में आने के बाद मुनिरत्न ने तेज़ी से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए। 2023 के विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उनके लिए प्रचार किया, जिससे स्पष्ट हो गया कि मुनिरत्न भाजपा के लिए कितने महत्वपूर्ण हो गए थे। मुनिरत्न की संपत्ति 2013 में ₹28.83 करोड़ से बढ़कर 2023 में ₹293.60 करोड़ तक पहुंच गई।मुनिरत्न पर 2014 के बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के 1,000 करोड़ रुपये के नकली बिल घोटाले (Fake Bill Scam) में शामिल होने का आरोप है। वे फर्जी मतदाता पहचान पत्र घोटाले में भी फंसे हुए हैं, फिर भी वह लगातार तीन बार विधायक चुने गए हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव के समय दाखिल किए गए हलफनामे में उनके खिलाफ आठ आपराधिक मामलों का जिक्र था।
भाजपा की नीतियों पर सवालः मुनिरत्न नायडू जैसे नेताओं को संरक्षण देना "जीरो टॉलरेंस" की नीति की बात करने वाली भाजपा नेतृत्व के दोहरे चेहरे को उजागर कर देता है। मुनिरत्न को भाजपा में किसने ज्वाइन कराया? उनका भाजपा में तेजी से उभार क्या भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संरक्षण के बगैर संभव था? प्रधानमंत्री मोदी ने मुनिरत्न के लिए 2023 में प्रचार भी किया था। इससे साफ है कि भाजपा ऐसे नेताओं को अब भी पार्टी में जगह दे रही है, जिन पर महिलाओं के शोषण, बलात्कार और अत्याचार के गंभीर आपराधिक आरोप हैं?
भाजपा नेताओं पर लगातार बढ़ते अपराधों के आरोप
मुनिरत्न का मामला अकेला नहीं है। रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में भाजपा नेताओं पर बलात्कार, यौन शोषण और हिंसा के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। 2023 तक, भाजपा के अनेक सांसदों, विधायकों और नेताओं पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आरोप लग चुके हैं। इन मामलों में उन्नाव और कठुआ कांड जैसे बड़े मामले भी शामिल हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं।मुनिरत्न नायडू के अलावा, भाजपा के जिन अन्य नेताओं पर बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ अपराध के गंभीर आरोप लगे हैं, उनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- 1.कुलदीप सेंगर (उत्तर प्रदेश): भाजपा के पूर्व विधायक सेंगर को 2017 में एक नाबालिग से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 2024 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी सजा बरकरार रखी।
- 2. स्वामी चिन्मयानंद (उत्तर प्रदेश): भाजपा नेता व पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानंद एक छात्रा के यौन शोषण मामले में गिरफ्तार हुए थे, लेकिन मामले की जांच अभी भी विवादास्पद है।
- 3. बीएस येदियुरप्पा - कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर पॉक्सो एक्ट के तहत 17 वर्षीय लड़की से यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज हुआ था। लेकिन जांच में देरी की शिकायतें उठी हैं।
- 4. एम.जे. अकबर (पूर्व केंद्रीय मंत्री): भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री रहे अकबर पर कई महिलाओं ने #MeToo आंदोलन के दौरान यौन शोषण के आरोप लगाए। उन्हें अंततः मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
- 5. संजय मिश्रा: झारखंड में BJP के पश्चिमी सिंहभूम जिला मीडिया प्रभारी संजय मिश्रा उर्फ बुद्धु पंडित पर अंतर्राष्ट्रीय महिला खिलाड़ी ने 26 Oct 2021 को दुष्कर्म का आरोप लगाया। पुलिस ने संजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
- 6. संदीप सिंह - हरियाणा के पूर्व मंत्री संदीप सिंह पर एक महिला कोच ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय किए, जिनमें आईपीसी की धारा 354 और 509 जैसी गंभीर धाराएँ शामिल हैं।
- 7. मोहन जाट - राजस्थान के भाजपा नेता मोहन जाट पर गैंगरेप के आरोप लगे थे, जिसमें उन्होंने और एक अन्य व्यापारी पर महिला और उसकी बेटी के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप था।
- 8. भाजपा के सहयोगी दल जनता दल एस नेता एचडी रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना, जो कर्नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे और पोते पर एक हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल जिसमें कथित तौर पर यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेल, और हजारों वीडियो लीक से संबंधित गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले की SIT जांच जारी है।
इन मामलों ने भाजपा की "भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त" छवि को गंभीर रूप से धूमिल किया है। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" जैसे अभियानों को जोर-शोर से चलाने वाली भाजपा के नेताओं पर लगातार लग रहे यौन अपराधों के आरोपों ने इस अभियान की साख पर बट्टा लगा दिया है।
भाजपा अब एक "अलग पार्टी" नहीं रही
महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक मुनिरत्न जैसे नेताओं पर कोई सख्त बयान नहीं दिया है। यह चुप्पी पार्टी की नैतिकता और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है।प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेतृत्व को उन नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिन पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के गंभीर आरोप हैं। अन्यथा, भाजपा की छवि और साख को और भी बड़ा नुकसान हो सकता है।
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