2020-21 में उत्तर प्रदेश के पुलिस थानों में, कस्टडी के दौरान, 451 नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 2021-22 में मौतों का यही आंकड़ा बढ़कर 501 हो गया। ये किस किस्म का क़ानून का शासन है? ये किस तरह की प्रशासनिक शैली है? यह कैसा लॉ एंड ऑर्डर है?
जुलूसों में भाग लेने वाले हथियार लिए क्यों होते हैं, इनको जानबूझकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों बीच से क्यों निकाला जाता है, तेज आवाज़ में संगीत क्यों बजाया जाता है और भड़काऊ नारे क्यों लगाए जाते हैं?
प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड में ‘घुसपैठिये’ का मुद्दा उठाया और रोटी-बेटी-माटी को छीनने वालों का ज़िक्र किया। आख़िर बांग्लादेशी घुसपैठिए को लेकर सरकार के पास आँकड़े क्या हैं?
बिहार के सबसे भयावह दंगे के लिए बदनाम भागलपुर में जिस तरह एक मुस्लिम धर्मस्थल पर भगवा झंडा फहराया गया, वह क्या इशारा करता है? क्या नीतीश कुमार के शासन में सांप्रदायिक सौहार्द पहले जैसा नहीं रहा?
लगातार विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के ख़िलाफ़ अब झारखंड में भाषण को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत की गई है। जानिए, क्या आरोप लगाया गया।
मथुरा में दो दिनों के राष्ट्रीय सम्मेलन में आरएसएस ने कहा- हिंदू समाज एकता में नहीं रहेगी तो आजकल की भाषा में `बंटेंगे तो कटेंगे हो सकता है’। क्या संघ अपनी विचारधारा, भाषा कभी सुधार पाएगा?
साफ़ तौर पर यह सवाल अब हिंदुओं से पूछा जाना चाहिए कि धर्म के नाम पर हो रहा यह अधर्म कब तक बर्दाश्त करोगे। वेदांत तो संपूर्ण संसार को ब्रह्म की अभिव्यक्ति मानता है तो मुस्लिम इससे बाहर कैसे हुए?
हिमंता बिस्वा सरमा अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ लगातार ऐसी बयानबाज़ी कर रहे हैं जिसे घृणा फैलाने वाला कहा जा रहा है। आख़िर वह ऐसी बयानबाज़ी क्यों कर रहे हैं और क्या संविधान इसकी इजाजत देता है?
सावरकार ने आज़ादी से वर्षों पहले द्विराष्ट्रवाद का सिद्धांत रखा था। उनका कहना था कि भारत में हिन्दू और मुस्लिम दो राष्ट्र हैं। उन्होंने हिंदू राष्ट्र का विचार रखा था। तो सवाल है कि इस हिंदुत्व ने आज़ादी के बाद से देश को किस तरह प्रभावित किया?